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नक्सल प्रभावित इलाके में युवक-युवतियों को जूडो-कराटे में ट्रेंड कर रहा है ITBP

ITBP की ओर से अबूझमाड़ के कोडागांव में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप में युवाओं को जूडो, कराटे और ताइक्वांडो के दांव सिखाए जा रहे हैं. बता दें कि अबूझमाड़ नक्सलवाद से प्रभावित सबसे खतरनाक इलाकों में से एक माना जाता है.

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बच्चों को ट्रेनिंग देते ITBP जवान
बच्चों को ट्रेनिंग देते ITBP जवान

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केंद्रीय अर्धसैनिक बल ना सिर्फ नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देते हैं बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की मुश्किलों को आसान करने में भी बढ़ चढ़ कर सहयोग देते हैं. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की ओर से ऐसा ही एक कदम छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके में उठाया गया है. यहां ITBP की ओर से युवा वर्ग को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है.

ITBP की ओर से अबूझमाड़ के कोडागांव में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप में युवाओं को जूडो, कराटे और ताइक्वांडो के दांव सिखाए जा रहे हैं. बता दें कि अबूझमाड़ नक्सलवाद से प्रभावित सबसे खतरनाक इलाकों में से एक माना जाता है.

दरअसल, ITBP की ओर से शुरू की गई इस कवायद के पीछे केंद्र सरकार का ये मकसद है कि आदिवासी इलाके में जो युवा नक्सलियों के दबाव में नक्सली घटनाओं में शामिल होते हैं, वे अपने बचाव के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का सहारा ले सकते हैं. ये आदिवासी इलाके ऐसे हैं जहां विकास का लाभ कम ही पहुंचा है. यहां ना तो बेहतर संपर्क के लिए सड़कों का जाल विकसित हो पाया है और ना ही यहां इंटरनेट और कम्युनिकेशन टावर्स बड़ी संख्या में लग पाए हैं.  

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से ITBP को हिदायत दी गई है कि इस अति पिछड़े इलाके में युवक और युवतियों को ज्यादा से ज्यादा सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाए.  

बता दें कि अबूझमाड़ विकास से अछूता वह इलाका है जहां पर नक्सली ज्यादा से ज्यादा कोशिश करते रहे हैं कि वह अपने कैडर को बढ़ा सकें. लेकिन अब यहां पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की हर वक्त मुस्तैदी की वजह से नक्सलियों के लिए इस क्षेत्र में पैठ बनाना मुश्किल होता जा रहा है. 

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंगित किया था कि देश में 112 जिले ऐसे हैं जहां विकास का फायदा वैसे नहीं पहुंचा जैसे कि पहुंचना चाहिए था. प्रधानमंत्री ने ऐसे पिछड़े इलाकों को मुख्य धारा में लाने के लिए यहां तेजी से विकास कार्य किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया था.   

ITBP की ओर से अबूझमाड़ में की गई पहल का यहां के युवा वर्ग ने स्वागत किया है. ITBP का कहना है कि इससे युवाओं के आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाने में भी बहुत मदद मिलेगी.

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