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नौकरी और मुआवजे के नाम पर ठगी का खेल, जोगी कांग्रेस के नेता को जेल

रोपियों ने यहां रह रहे कई लोगों को सपना दिखाया कि जमीन अधिग्रहण के दौरान उन्हें मुंह मांगा मुआवजा दिलवाया जायेगा. बशर्ते वो बतौर टोकन मनी एक लाख से डेढ़ लाख रूपये तक की रकम पहले जमा करा दें. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2015 तक कई लोगों ने लालच में आकर अपनी जमीनों के दस्तावेज और टोकन मनी आरोपियों के पास जमा करा दी थी.

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छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता हैं शंकर रजक
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता हैं शंकर रजक

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अजित जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के गो सेवक प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष शंकर रजक और उसके सहयोगी सिद्धांत महंत को कोरबा में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया, वहां से  दोनों को न्यायिक हिरासत के लिए जेल में दाखिल करा दिया गया. पुलिस ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था.

पुलिस के मुताबिक शंकर रजक और सिद्धांत महंत के खिलाफ 34 पीड़ितों ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. किसी ने SECL और दूसरे सरकारी दफ्तरों में नौकरी दिलाने के नाम पर 75 हजार रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक की वसूली की शिकायत दर्ज कराई थी. 16 लोगों ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्हें जमीन अधिग्रहण में उनकी जमीन का मुंह मांगा मुआवजा दिलवाने के लिए जोगी कांग्रेस के नेताओं ने बतौर टोकन मनी डेढ़-डेढ़ लाख रूपये वसूले.

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शिकायतकर्ताओं ने चेक और रजिस्टर्ड स्टांप पेपरों के जरिए लगभग 29 लाख रूपये की रकम दी. ऐसे पीड़ितों की पुलिस ने शिकायत दर्ज की लेकिन जिन लोगों ने नगद रकम दी उन शिकायतकर्ताओं के प्रकरण को पुलिस ने फ़िलहाल विवेचना में लिया है. बताया जा रहा है कि कोरबा के कटघोरा इलाके में साउथ ईस्ट कोल्ड फिल्ड लिमिटेड की कोयला खदानों के आसपास विकास का काम होना है. इस इलाके में बड़ी आबादी स्थानीय लोगों की है. आरोपियों ने यहां रह रहे कई लोगों को सपना दिखाया कि जमीन अधिग्रहण के दौरान उन्हें मुंह मांगा मुआवजा दिलवाया जायेगा. बशर्ते वो बतौर टोकन मनी एक लाख से डेढ़ लाख रूपये तक की रकम पहले जमा करा दें.

बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2015 तक कई लोगों ने लालच में आकर अपनी जमीनों के दस्तावेज और टोकन मनी आरोपियों के पास जमा करा दी थी. लेकिन 4 साल बाद भी जब न तो जमीन अधिग्रहित हुई और न ही इस इलाके में विकास की कोई योजना नजर आई, तब ठगी की इस वारदात का खुलासा हुआ. वहीं कई लोग सरकारी दफ्तरों और कोयला खदानों में नौकरी पाने के चक्कर में 75 से 1 लाख रूपये तक गवां बैठे थे. आरोपियों ने उन्हें भी जल्द नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया था. जब दो तीन साल में भी नौकरी नहीं लगी तब पीड़ितों ने उनसे अपनी रकम वापस मांगी. आरोपियों के रकम देने से इनकार करने के बाद पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

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फिलहाल शंकर रजक और सिद्धांत महंत के जेल की हवा खाने की खबर इलाके में जंगल में आग की तरह फ़ैल रही है. दोनों की गिरफ्तारी की बात सुनकर कई लोग ठगी की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. SDOP कोरबा संदीप मित्तल के मुताबिक ठगी की यह वारदात करोड़ों में है. हालांकि पुलिस सभी शिकायतकर्ताओं की सुनवाई कर रही है  और उनके मुताबिक पूरी विवेचना के बाद ही धोखाधड़ी की अधिकृत रकम का खुलासा होगा. 

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