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बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को छत्तीसगढ़ के मंत्री की चुनौती, कहा- धर्मांतरण साबित करें, राजनीति छोड़ दूंगा

विवादों में चल रहे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के उस बयान पर सियासी घमासान मच गया है जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ने की बात कही थी. छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने धीरेंद्र को धर्म परिवर्तन साबित करने की चुनौती दी है. उन्होंने ऐसा होने पर राजनीति छोड़ने की भी बात कही है.

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कवासी लखमा और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (फाइल फोटो)
कवासी लखमा और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते नजर आ रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं. विवादों में चल रहे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का ये वीडियो सामने आने के बाद सियासत भी गरमाती नजर आ रही है. छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पलटवार किया है.

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छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी है कि धर्मांतरण की बात साबित कर दें. छत्तसीगढ़ के कांग्रेस विधायक और सूबे की सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप पंडित हैं तो मेरे साथ बस्तर चलिए. उन्होंने कहा कि अगर धर्मांतरण की बात साबित होती है तो राजनीति छोड़ दूंगा.

कवासी लखमा ने साथ ही ये भी कहा कि अगर धर्मांतरण साबित नहीं होता है तो वे पंडिताई छोड़ दें. उन्होंने ये भी दावा किया कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण नहीं हो रहा है. कवासी लखमा ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनको धर्मांतरण की बात कहां से पता चल गई. क्या उन्हें धर्मांतरण को लेकर कोई सपना आया था?

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उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा कि ये वही बाबा हैं जिन्हें नागपुर में चुनौती दी गई थी. लखमा ने कहा कि उसी समय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पंडिताई पता चल गई. उन्होंने ये भी कहा कि मामला अब कोर्ट में जाने वाला है. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के धर्म परिवर्तन के दावे पर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है.

धीरेंद्र कृष्ण को मिला गिरिराज सिंह का साथ

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर चल रहे विवादों के बीच कई नेता उनके समर्थन में आ गए हैं. आस्था या अंधविश्वास को लेकर जारी बहस के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा है कि भारत के सनातन धर्म में महापुरुषों में ऐसी सामर्थ्य रही है. उन्होंने कहा कि बिना जाने आरोप लगाना गलत है.

गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के मनीषियों की सनातन परंपरा में कई महापुरुष हुए हैं जो इस ढंग की चीजें करते रहे हैं. किसी के सामर्थ्य को विज्ञान की तर्ज पर देखे बिना अंधविश्वास कह देना उचित नहीं है. वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में खुलकर आ गए हैं और अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के आरोप को गलत बताया है.

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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का इंटरव्यू देखा है जिसमें वे ये कह रहे हैं कि यह मेरा नहीं मेरे ईष्ट का चमत्कार है, मैं तो छोटा सा साधक हूं. उन्होंने जावरा दरगाह में लोटते-पीटते लोगों को लेकर किसी के बात नहीं करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या किसी ने इसे लेकर सवाल उठाया? हिंदू धर्म के महात्मा के सामने ऐसी घटना होती है तो सवाल उठते हैं. 

नवनीत राणा ने कही ये बात

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर जारी विवाद के बीच महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा है कि हमारा विश्वास करने का अपना-अपना तरीका है. उन्होंने कहा कि जिसकी आस्था अलग तरीके से जुड़ी है, उस पर विश्वास करते हैं. नवनीत राणा ने कहा कि सभी अपने-अपने तरीके से विश्वास करते हैं.

क्या है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ा नागपुर विवाद

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में संपन्न 'श्रीराम चरित्र चर्चा' आयोजन से हुई. अंधश्रद्धा उन्मुलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. उन्होंने देवता और धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण करने का आरोप लगाया था.

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बाद में अंधश्रद्धा उन्मुलन समिति की ओर से ये दावा किया गया था कि उनकी ओर से जब इसे लेकर पुलिस में शिकायत की गई तो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ये पता चल गया कि महाराष्ट्र में जो कानून है, उसमें गिरफ्तारी के बाद जमानत नहीं मिलेगी. ये पता चलते ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री निर्धारित कार्यक्रम से दो दिन पहले ही कथा संपन्न कर भाग निकले. इस पूरे मसले को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सफाई भी आई थी.

 

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