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रेप पीड़िता के इलाज में लापरवाही पर गई लेडी डॉक्टर की नौकरी

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर को दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने के चलते अपनी नौकरी से ही हाथ धोना पड़ गया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव एमके राउत ने शनिवार को चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. सुबीर मुखर्जी को निर्देश दिए कि डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं.

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दुष्कर्म पीड़ित के इलाज में लापरवाही पर एक्शन
दुष्कर्म पीड़ित के इलाज में लापरवाही पर एक्शन

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर को दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने के चलते अपनी नौकरी से ही हाथ धोना पड़ गया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव एमके राउत ने शनिवार को चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. सुबीर मुखर्जी को निर्देश दिए कि डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं.

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स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आभा डहरवाल संविदा नियुक्ति पर मेकाहारा में पदस्थ हैं. बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन की जांच में स्पष्ट हो गया कि डॉ. डहरवाल को रात 3 बजे बताया गया था कि दुष्कर्म पीड़ित बच्ची गंभीर हालत में लाई गई है. इसके बावजूद वह सुबह 9 बजे तक अस्पताल नहीं आईं. बच्ची तब तक तड़पती रही. डॉक्टर की लापरवाही सामने आने के बाद अस्पताल और कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच की.

डॉ. डहरवाल ने प्रशासनिक जांच कमेटी के सामने बयान दिया कि सूचना मिलने के एक घंटे के भीतर ही वह अस्पताल पहुंच गई थीं. जांच रिपोर्ट इस बयान के आधार पर पेश कर दी गई, लेकिन प्रमुख सचिव ने रिपोर्ट लौटा दी. उन्होंने जांच के नए बिंदु भी तय कर दिए. अस्पताल के एंट्री गेट के कैमरे का रिकॉर्ड चेक किया गया. इससे साफ हो गया कि डॉक्टर नहीं आई थीं.

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उसके बाद अफसरों ने नए सिरे से रिपोर्ट तैयार की, प्रमुख सचिव को भेजी. उसी रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर को नौकरी से निकालने के आदेश जारी किए गए. बहरहाल इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मच हुआ है.

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