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महादेव बुक ऐप मामला: ED ने नीतीश दीवान को गिरफ्तार किया, कोर्ट ने 8 दिन की हिरासत में भेजा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग के संचालन में नीतीश दीवान की भूमिका को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया है. नीतीश दीवान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत गुरुवार को गिरफ्तार किया गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग के संचालन में नीतीश दीवान की भूमिका को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया है. नीतीश दीवान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत गुरुवार को गिरफ्तार किया गया. नीतीश दीवान को PMLA स्पेशल कोर्ट, रायपुर के सामने पेश किया गया. कोर्ट ने दीवान को 24.02.2024 तक 8 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.

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छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर जांच
ED ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर जांच शुरू की है. इसके बाद, विशाखापट्टनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई FIR को भी रिकॉर्ड पर लिया गया. मेसर्स महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए यूजर्स को नामांकित करने, यूजर ID बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक वेब के माध्यम से पैसे की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है.

ED की जांच में पता चला कि नीतीश दीवान UAE में महादेव ऑनलाइन बुक के लिए काम कर रहे थे. वह महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के इस हद तक करीब थे कि प्रमोटरों ने उसे सट्टेबाजी संचालन स्थापित करने के अवसर तलाशने के लिए जिम्बाब्वे भेजा था.

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जांच में पता चला कि नीतीश दीवान के पास उनके नाम पर संपत्ति थी, जिसका लाभकारी स्वामित्व महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के पास था. उन्हें महादेव ऑनलाइन बुक के अवैध संचालन की पूरी जानकारी थी. वह UAE में बैंक खाते रखते थे और धन की आवाजाही के लिए इन बैंक खातों का संचालन कर रहे थे. उनके नाम पर UAE में कंपनियां भी स्थापित की गई हैं. इन कंपनियों ने दुबई में काम करने वाले महादेव ऑनलाइन बुक के कर्मचारियों को वीजा सेवाएं दीं. इस तरह नीतीश दीवान को जानबूझकर महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों को उनकी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में सहायता करते हुए पाया गया. इस मामले में अब तक नीतीश दीवान समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आगे की जांच जारी है.

रिपोर्ट-दिव्येश त्रिपाठी
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