छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करके सरकारी नौकरी पाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कुछ लोगों ने निर्वस्त्र होकर विरोध-प्रदर्शन किया. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने एक दर्जन से अधिक नग्न प्रदर्शनकारियों को उस समय हिरासत में ले लिया जब वो विधानसभा की ओर मार्च निकाल रहे थे. छत्तीसगढ़ विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार को ही शुरू हुआ है.
दरअसल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के युवाओं ने नग्न होकर विधानसभा की ओर मार्च किया और हाथों में तख्तियां लेकर उन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था
रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने इस प्रदर्शन को लेकर बताया कि अश्लील तरीके से प्रदर्शन करने के आरोप में कुछ लोगों को पंडरी थाना क्षेत्र क्षेत्र के सिवनी मोड़ के पास हिरासत में लिया गया.
वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्य सरकार की जांच समिति ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामलों की जांच की और पाया कि 267 सरकारी कर्मचारियों ने जाली एससी/एसटी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया था, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उन्होंने कहा, 'इससे पहले, हम उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर गए थे, लेकिन हमारी मांग अनसुनी कर दी गई, इसलिए अब हम नग्न होकर धरना दे रहे हैं.'
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
वहीं इस प्रदर्शन को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वटिर पर लिखा, 'छत्तीसगढ़ में आज से शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के बीच, राजधानी की सड़कों पर, एससी एसटी वर्ग के युवाओं ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर, नग्न प्रदर्शन किया. कांग्रेस और भूपेश बघेल ने एक बार फिर एससी एसटी समाज को ठगने का काम किया है.