छत्तीसगढ़ के कोबरा जिले में आदिवासी समूह की नाबालिग लड़कियों से यौन उत्पीड़न के मामले में कोबरा के कलेक्टर ने तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया है. कोबरा जिले के पाली रीजन के हॉस्टल में हुई इस घटना को लेकर हड़कंप मच गया था. सस्पेंड किए गए तीन लोगों में हॉस्टल की वार्डन भी है.
क्या है पूरा मामला?
छतीसगढ़ की राजधनी रायपुर से 200 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की तरफ स्थित कोबरा जिले के पाली ब्लाक में ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई. पीड़ित लड़कियों का कहना है कि कुछ लोकल नेता उनके गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज के हॉस्टल में घुस आए और उनके साथ बदसलूकी करने लगे. फिर जबरदस्ती उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश भी करने लगे, उन्होंने किसी को कुछ ना बताने के लिए 100 रुपये भी देने का प्रयास किया.
उन नाबालिग लड़कियों ने यह भी बताया कि जिन लोकल नेताओं ने बदसलूकी करने की कोशिश की उनमें पाली के कांग्रेस विधायक के प्रतिनधि शंकर दास महंत के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल और जिला अध्यक्ष गणराज सिंह कंवर भी शामिल हैं.
किसकी लापरवाही?
जिस दिन यह घटना हुई, हॉस्टल सुपरिटेंडेंट मंजुलता उइके उस दिन हॉस्टल में नहीं थी. मंजुलता ने बताया कि गणराज ने लोकल कांग्रेस विधायक के प्रतिनिधि और अपने साथियों के साथ हॉस्टल के परीक्षण के लिए फोन किया. जिसपर उन्होंने उनकी गैरमौजूदगी में ना आने को कहा पर बावजूद इसके वे हॉस्टल में जबरदस्ती घुस गए.
अभी तक क्या हुई कार्रवाई?
कोबरा के एसीपी ने बताया कि हॉस्टल की सुरक्षा छतीसगढ़ सरकार के नियमानुसार महिला गार्डों के हवाले थी. फिलहाल सभी अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जिनमें गणराज सहित 5 को हिरासत में भी लिया जा चुका है.
वहीं जिला कलेक्टर ने हॉस्टल सुपरीटेंडेंट मंजुलता उइके को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है.