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आखिरकार मिल गया बस्तर के जंगलों से लापता कनाडाई नागरिक

बस्तर के जंगलो में लापता हुए कनाडाई नागरिक जॉन सलजाक को ढूंढ़ लिया गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस जॉन को कनाडाई दूतावास को सौपेंगी. राज्य सरकार ने इस विदेशी नागरिक के सुरक्षित होने की जानकारी विदेश मंत्रालय भेज दी है. DGP नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी के मुताबिक कनाडाई दूतावास को सौपे जाने के पहले जॉन सलजाक से पूरी पूछताछ होगी. पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि जॉन का कोई नक्सल कनेक्शन है या फिर वह रास्ता भटक कर जंगलों में लापता हो गए थे.

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पुलिस मुख्यालय
पुलिस मुख्यालय

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बस्तर के जंगलो में लापता हुए कनाडाई नागरिक जॉन सलजाक को ढूंढ़ लिया गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस जॉन को कनाडाई दूतावास को सौपेंगी. राज्य सरकार ने इस विदेशी नागरिक के सुरक्षित होने की जानकारी विदेश मंत्रालय भेज दी है. DGP नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी के मुताबिक कनाडाई दूतावास को सौपे जाने के पहले जॉन सलजाक से पूरी पूछताछ होगी. पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि जॉन का कोई नक्सल कनेक्शन है या फिर वह रास्ता भटक कर जंगलों में लापता हो गए थे.

DGP ने यह भी कहा कि स्थानीय भाषा का ज्ञान नहीं होने के चलते जॉन सलजाक को ग्रामीणों ने अपने कब्जे में रखा था. उनके मुताबिक नक्सलियों की ओर से उनको अगवा किए जाने के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब पता चला कि कनाडाई नागरिक जॉन सुकमा के जंगलो में ही है और ग्रामीणों के बीच सुरक्षित है. हालांकि पुलिस इस बात को पचा नहीं पा रही है कि आखिर जॉन एक खास गांव में कैसे पहुंचा.

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पुलिस को नहीं दी सूचना
पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि विदेशी नागरिक को पूरी तरह से क़ानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ताकीद किया जाता है. इसके बावजूद जॉन ने आखिर अपनी मौजूदगी की सुचना सुकमा पुलिस और स्थानीय प्रशासन को क्यों नहीं दी. फिलहाल पुलिस ने दावा किया है कि जॉन पूरी तरह सुरक्षित है. DGP अवस्थी के मुताबिक जॉन को सिंघममडकू गांव से पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है. छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम को जॉन के सिंघममडकू गांव में होने की सुचना मिली थी.

पूरी तैयारी से पहुंची पुलिस
पुलिस की टीम पूरी तैयारी के साथ उस इलाके में पहुंची. जिस वक्त पुलिस टीम ग्रामीणों के पास पहुंची, उस समय जॉन जंगल में ही नक्सलियों के संगम सदस्यों के साथ आराम फरमा रहे थे. जॉन को बस्तर लाया गया है, जहां उनसे पूछतांछ की जा रही है. बृहस्पतिवार को जॉन को रायपुर लाया जाएगा. जॉन आखरी बार रविवार शाम किस्टाराम थाना से करीब 15 किमी दूर सिगामडुगु गांव के नजदीक देखा गया था. उनकी साइकिल में GPRS सिस्टम भी लगा है. कुछ ग्रामीणों से उन्होंने बातचीत भी की थी. किस्टाराम गांव की एक दूकान में उन्होंने चाय नाश्ता भी किया. इसके बाद वह जंगल की ओर जाते देखे गए. वह तेलंगाना के भद्राचलम से होते हुए बस्तर के सुकमा में दाखिल हुए थे.

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