छत्तीसगढ़ विधान सभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा और बाद में सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. यहां बताते चलें कि छत्तीसगढ़ विधान सभा का सत्र 2 जुलाई से 6 जुलाई तक मात्र 5 दिनों का है.
दरअसल, सदन की शुरुआत स्वर्ग सिधार चुके पूर्व विधायकों और सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद शुरू हुई. जैसे ही अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू की कांग्रेस की ओर से राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया गया.
इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने राज्य में हुए डर्टी सीडी कांड को लेकर सरकार को घेरने लगी. विपक्ष ने सेक्स सीडी कांड की धीमी जांच और एक संदेही रिंकू खनूजा की आत्महत्या के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. कांग्रेस का आरोप था कि सीडी कांड में रिंकू खनूजा की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों ने मामले में सीबीआई की जांच पर भी सवाल खड़े किए और स्थगन प्रस्ताव के जरिये चर्चा कराने की मांग की. लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया. इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा कर दिया.
कांग्रेस के कई विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे और उन्हें निलंबित कर दिया गया. कुछ देर बाद निलंबन वापिस हुआ और सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई. लेकिन कांग्रेस के विधायकों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया. वे फिर नारेबाजी करने लगे और आखिरकर विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार तक के लिए सदन स्थगित कर दिया. अब देखना अहम होगा कि मंगलवार को सदन में यह टकराव बरकरार रहेगा या फिर आम जन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.