Naxalites killed two villagers in sukma lcls
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए दो ग्रामीणों की हत्या कर दी. इसके साथ ही दो अन्य ग्रामीणों को भी नक्सलियों ने सजा देने की चेतावनी देते हुए अपने टारगेट पर ले लिया है. कहा जा रहा है कि नक्सली वर्चस्व वाले इलाकों के गांवों में सुरक्षा बलों के कैंप स्थपित होने की बैखलाहट के चलते निरीह ग्रामीणों की हत्या कर उन इलाकों में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित गांव कायर दुल्लेड़ के रहने वाले ग्रामीण सोड़ी हूंगा और माड़वी नंदा की हत्या की गई है. नक्सलियों की पामेड़ एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी ली है. नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर कहा है कि सोड़ी हूंगा और माड़वी नंदा पुलिस के संपर्क में रहते थे.
पुलिस को मांस-मछली पहुंचाने का लगाया आरोप
सुरक्षा बलों के कैंप में दोनों मछली, मुर्गा, सूअर आदि पहुंचाने और ग्रामीणों को पुलिस से पिटवाने का काम कर रहे थे. गांव के ग्रामीण मड़काम सुला की पुलिस से पिटाई करवा कर उसका कान कटवा देने का आरोप भी नक्सलियों ने लगाया है. इसीलिए उन्हें मौत की सजा दी जाने की बात पर्चे में लिखी गई है.
दो ग्रामीणों को नक्सलियों ने अपने टारगेट में लिया
इसके अलावा नक्सलियों ने कायर दुल्लेड़ गांव के ही अड़मा (पंगाल डेंगाल) और देवे को भी पुलिस का मुखबिर बताते हुए उन्हें भी चेतावनी दी है. इसके साथ ही दोनों की सुरक्षा की चिंता परिजनों को सताने लगी है. दो ग्रामीणों की हत्या और दो ग्रामीणों को अपने टारगेट में लेने के बाद गांव के लोग दहशत में रह रहे हैं.
नक्सलियों की सर्चिंग की गई तेज- एसएसपी
इस मामले में एसएसपी सुकमा उत्तम प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के दुल्लेड़ में मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या की है. इस घटना के बाद इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है. नक्सली लगातर कमजोर हो रहे हैं. बौखलाहट में निर्दोष ग्रमीणों की हत्या कर रहे हैं.
जिले में विकास कार्य होने से बौखलाए नक्सली
केंद्र सरकार सुकमा जिले में नक्सली समस्या को खत्म करने और नक्सल प्रभावित इलाकों के समग्र विकास के लिए संकल्पित भाव से काम कर रही है. इसी के तहत नक्सल गढ़ में सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी केबिनेट द्वारा लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की गति तेज कर दी गई है.
केंद्र सरकार की योजनाओं का भी लाभ ऐसे इलाकों के ग्रामीणों तक सफलतापूर्वक पहुंचाया जा रहा है. इसमें पुलिस और सुरक्षा बलों का अहम योगदान है. कैंप स्थापना भी इसी उद्देश्य को लेकर की जा रही है. केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ मिलने तथा पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के गांवों में आ जाने के बाद सुरक्षा, विकास और विश्वास का भरोसा ग्रामीणों में जाग उठा है.
नक्सलियों से ग्रामीणों का हो रहा मोहभंग
कई दशकों से अभावों, समस्याओं और बदहाली के बीच जीवन गुजारते आ रहे ग्रामीणों में उम्मीद की नई किरण जाग उठी है. ग्रामीणों का नक्सलियों से मोहभंग होता जा रहा है. आपको बता दें कि यही बात अब नक्सलियों को चुभने लगी है. इसी वजह से वे निरीह ग्रामीणों पर मुखबिरी करने का आरोप लगाकर मौत के घाट उतारने लगे हैं.