छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में सीआरपीएफ के 9 जवान शहीद हुए हैं. ये हमला सुकमा जिले के किस्टाराम इलाके में हुआ है. ये ब्लास्ट लैंडमाइन के जरिए किया गया है. इस दौरान नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ भी हुई है, जिसमें 25 जवान घायल हुए हैं. इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायल जवानों को इलाज के लिए रायपुर भेजा जा रहा है.
नक्सलियों ने IED प्रूफ व्हीकल को ब्लास्ट कर उड़ाया है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सोमवार को ही नक्सली प्रभावित इलाकों का मोटरसाइकिल के जरिए दौरा किया था.
डीजी सीआरएफ ने गृह मंत्रालय को इस हमले की जानकारी दे दी है. डीजी सीआरपीएफ आज ही घटना स्थल पर जाएंगे. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी हमले के बाद दुख व्यक्त किया है. उन्होंने हमले के बाद सीआरपीएफ के डीजी से बात की है.
दरअसल, तेलंगाना बॉर्डर पर नक्सलियों के कुछ बड़े कमांडर मारे गए थे. जिसके बाद नक्सलियों ने ये हमला किया है. जिसके बाद कोबरा कमांडोज़ ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया. लेकिन दोपहर को करीब 100 से 150 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के वाहन पर हमला कर दिया.
हमले के पीछे हो सकता है हिडमा का हाथToday’s IED blast in Sukma, Chhattisgarh is deeply distressing. I bow to each and every security personnel who attained martyrdom while serving the nation.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 13, 2018
माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे पीएलजीए की बटालियन नंबर 1 के अगुवा हिडमा का हाथ है. हिडमा इस इलाके में अक्सर दौरा करता रहता है और सीआरपीएफ पर हमले के पीछे उसी का हाथ माना जा रहा है.
हालांकि सीआरपीएफ के डीजी का कहना है कि हिडमा को जिम्मेदार ठहराना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस मामले में वो संदिग्ध हो सकता है.
मिली जानकारी के मुताबिक किस्तराम और पलोदी के बीच सीआरपीएफ की दो एमपीवी गाड़ियां आगे पीछे चल रही थी, इनमें जो गाड़ी आगे थी वो आईडी ब्लास्ट का निशाना बनी.
बता दें कि किस्तराम और पलोदी के बीच का ये रास्ता सुरक्षा के लिहाज से बहुत जोखिम भरा है. नक्सलियों और जवानों के बीच मंगलवार की सुबह हुई फायरिंग के साथ कम से कम चार बार फायरिंग हुई है.
राहुल ने ट्वीट कर साधा निशाना
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सुकमा हमले पर प्रतिक्रिया दी है. राहुल ने इस हमले के लिए खराब आंतरिक सुरक्षा नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस नेता ने हमले में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे घायल हुए जवानों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं.
INSIDE STORY: सुबह CRPF ने खदेड़ा था, 4 घंटे बाद ही नक्सलियों ने किया बड़ा हमलाThe Maoist attack in Sukma, Chhattisgarh in which 9 CRPF jawans lost their lives is tragic. It reflects a deteriorating internal security situation due to flawed policies.
My condolences to the families of those killed. To those who have been injured, I wish a speedy recovery.
— Office of RG (@OfficeOfRG) March 13, 2018
8 मार्च को हुआ था 29 नक्सलियों का सरेंडर|
अभी कुछ ही समय पहले सुकमा के भेज्जी थाना क्षेत्र के एलारमडुगु और वीरभट्टी जैसे गांवों से आए 29 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. इनमें 11 महिलाएं भी शामिल थीं. ये वही गांव हैं जहां 18 फरवरी को 20 नक्सलियों को मार गिराया गया था. इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद भी हुए थे. इन नक्सलियों में कई खूंखार नक्सली भी शामिल हैं. ये लोग कई प्रकार की टीम बनाकर काम कर रहे थे.
#SpotVisuals from the site of IED blast by Naxals in Kistaram area of #Chhattisgarh's Sukma, 9 CRPF personnel have lost their lives. pic.twitter.com/iN4bQCETHH
— ANI (@ANI) March 13, 2018
#UPDATE: 6 CRPF personnel are injured, out of which 4 are critical, after an IED blast by Naxals in Kistaram area of #Chhattisgarh's Sukma. 8 personnel have lost their lives.
— ANI (@ANI) March 13, 2018
BSF के पूर्व डीजी बोले- सीआरपीएफ ने लिया सबक
बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक एसके सूद ने सुकमा हमले में मारे गए 9 जवानों की घटना पर कहा कि इस एरिया में हम लगातार अपने जवानों को खो रहे हैं. इससे साफ है कि सीआरपीएफ प्रशासन ने पर्याप्त एक्शन नहीं ले रहा है. हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा. इस इलाके में बहुत ही गहन छानबीन की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि पिछली बार की घटना के बाद सीआरपीएफ ने सबक नहीं लिया. सीआरपीएफ को ट्रेनिंग स्टैंडर्ड के लेवल पर निर्णायक फैसला लेने की आवश्यकता है. ऑपरेशन एक्टिविटीज में सही ड्रिल्स को शामिल किए जाने की जरूरत है. बीएसएफ और सीआरपीएफ जैसे संगठनों का काफी विस्तार हुआ है. इनके पास अपना खुद का अनुभवी काडर है.
पिछले साल हुआ था बड़ा हमला
आपको बता दें कि लगभग ठीक एक साल पहले 11 मार्च 2017 को ही नक्सलियों ने बड़ा हमला किया था. उस दौरान बस्तर में सीआरपीएफ की एक पार्टी पर हमला किया गया था, इसमें 11 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने जवानों के मोबाइल और हथियार भी लूट लिए थे.
आपको बता दें कि पिछले साल सुकमा इलाके में ही सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ था. इसमें करीब 25 जवान शहीद हुए थे. ये हमला 24 अप्रैल, 2017 को सुबह के समय ही किया गया था.
कब और कहां हुए हमले
11 मार्च 2017: सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमला, 11 सीआरपीएफ जवान शहीद.
11 मार्च 2014: टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ पर नक्सली हमला, 16 जवान शहीद.
सितम्बर 2005: बीजापुर स्थित गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन पर ब्लास्ट, 23 जवान शहीद.
जुलाई 2007: छत्तीसगढ़ के एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
अगस्त 2007: छत्तीसगढ़ के तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
12 जुलाई 2009: राजनांदगांव के एम्बुश नक्सलियों के हमले में 29 जवान हुए थे शहीद.
6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
1 दिसंबर 2014: सुकमा में सीआरपीएफ की 233 बटालियन पर हमला, 13 जवानों शहीद.