छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई बड़ी तेजी से चल रही है. लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि पहली बार उन्होंने माओवादियों के खिलाफ एक अभियान में जर्मनी निर्मित रायफल बरामद की है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन मई को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद जर्मन हेक्लर और कोच ( एचके ) जी -3 रायफल बरामद हुई.
सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया कि रायफल मुठभेड़ स्थल से बरामद हुई. यह मुठभेड़ तीन मई को किस्ताराम पुलिस स्टेशन क्षेत्र के पुतपल्ली गांव में हुई थी. उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह रायफल तस्करी कर यहां लाई गई होगी.
उपमहानिरीक्षक ( दक्षिणी बस्तर रेंज ) सुंदरराज पी के अनुसार, पहली नजर में यह हथियार ब्रिटेन में निर्मित सेल्फ लोडिंग रायफल ( एसएलआर ) लगा जिसका इस्तेमाल सुरक्षाबल करते हैं लेकिन करीबी निरीक्षण पर इसके अलग होने के बारे में जानकारी मिली.
डीआईजी ने कहा , “ हम इस हथियार की बारीकी से जांच करने के साथ ही इसकी भी जांच कर रहे हैं कि यह हथियार नक्सलियों के हाथ में कैसे पहुंचा. ”
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने कार्रवाई तेज की है. हाल ही में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में तीन दर्जन से अधिक नक्सली मारे गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर में भी एक ऑपरेशन के दौरान 8 नक्सली ढेर हुए थे.