छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित सुकमा जिला राज्य का पहला कैशलेस जिला बनने जा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि राज्य के दक्षिण क्षेत्र बस्तर का नक्सल प्रभावित सुकमा जिला अब कैशलेस जिला बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां बड़ी संख्या में लोग नकदी रहित लेन-देन के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित सामान्य सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर्स) का उपयोग कर रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत अभियान सफल बनाने के लिए इस प्रकार के केंद्रों की स्थापना राज्य के सभी 27 जिलों में की है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 38 सामान्य सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है. ये सामान्य सुविधा केंद्र सुकमा जिले में लोगों को आधार पंजीयन, बिजली बिल भुगतान, रेलवे टिकट बुकिंग, डीटीएच टीवी रिचार्जिंग, मोबाइल फोन रिचार्जिंग, जीवन बीमा की प्रीमियम राशि के भुगतान जैसी सुविधाएं दे रहा है. इसके लिए पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अब तक शहरी क्षेत्रों में नौ लाख 96 हजार 892 रुपये का लेन-देन सीएससी वॉलेट के माध्यम से इन सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए किया जा चुका है. इन सामान्य सेवा केंद्रों में पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिए चार लाख 80 हजार 500 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब दो लाख 50 हजार रुपये का कैशलेस आहरण अलग-अलग बूथ में किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि बूथों में पीओएस, चेक और नेट-बैंकिंग के जरिए 31 हजार 459 रुपये का भुगतान हुआ है.