सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है. इस रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि नक्सली अपनी रणनीति में बड़े बदलाव कर रहे हैं.
आज तक को इस रिपोर्ट से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक नक्सली कमांडर सुरक्षाबलों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन करने के लिए शुरुआती इंटेलिजेंस जुटाने की कोशिश में हैं. इसके अलावा नक्सली कमांडर नक्सल प्रभावित इलाके के महिलाओं और बच्चों को खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए हायर कर रहे हैं. वहीं ''मिलीशिया ड्रेस" को भी नहीं पहनेंगे.
इंटेलिजेंस इकट्ठा करने के लिए काम
रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में ऐसे ही करीब डेढ़ दर्जन महिलाओं और बच्चों को नक्सली कमांडर अपने ग्रुप में शामिल कर उनसे सुरक्षाबलों के खिलाफ इंटेलिजेंस इकट्ठा करने के लिए काम करवा रहे हैं. यही नहीं, नक्सलियों ने यह भी कहा है कि जहां पर सुरक्षा बल बड़े स्तर पर मूवमेंट कर रहे हैं उस इलाके में अपना मूवमेंट कम करें.
इसके साथ ही अगर गांव के इलाकों में नक्सली लड़ाके जाते हैं तो वह आम आदमियों की तरह ही घूमें. इस तरह की इंटेलिजेंस रिपोर्ट खुफिया विभाग को मिली है जिसके आधार पर सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है कि सिविल ड्रेस में नक्सली आकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं. इससे सुरक्षाबलों को खासा नुकसान हो सकता है अलर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसे संदिग्ध सिविल लोगों पर भी नज़र रखी जाए जो किसी न किसी रूप में नक्सली हो सकते हैं.
चुनाव के दौरान सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं
बता दें कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में चुनाव है. इसको लेकर सुरक्षा बल अलर्ट हैं. इन चुनाव के दौरान नक्सली भी सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं. यही नहीं, नक्सली चुनाव का बायकॉट करने के लिए अलग-अलग जगहों पर पोस्टर भी लगा रहे हैं. रिपोर्ट से यह भी जानकारी मिली है कि चुनाव के दौरान नक्सली आईडी लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं. इसके साथ ही नक्सली चुनाव प्रचार के दौरान जाने वाले राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी निशाना बना सकते हैं.हालांकि नक्सली इस समय बैकफुट पर हैं. सुरक्षा बल लगातार घने जंगलों में नक्सलियों को ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं और उनके खिलाफ ऑपरेशन कर रहे हैं. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 31 अगस्त तक 9 राज्यों में 177 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसके साथ ही 1274 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया है. मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 391 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है.