छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कालाधन को उजागर करने के लिए पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसा पहला जिला राजनांदगांव है जहां के आधा दर्जन गांव में नक्सलियों ने लगभग पांच करोड़ की रकम जमा करवाई है.
पुलिस को अंदेशा है कि शुरुआती जांच में ही एक मात्र ब्लॉक से इतने अधिक रकम उजागर हुई है, तो फिर जिले भर में ये आकड़ा काफी बड़ा होगा. फिलहाल इन तथ्यों का आकलन किया जा रहा है कि कितने और गांव में जनधन और बचत खातों में नक्सली रकम डिपाज़िट हुई है.
राजनांदगांव जिले में नोटबंदी के दौरान 82 बैंक खातों में नक्सलियों ने लाखों रुपये जमा कराए हैं. इसके बाद पुलिस ने 82 खातों को सीज करने के लिए बैंकों को पत्र भी जारी कर दिया है. नक्सली दलमों द्वारा जंगल में डंप कर रखे गए लाखों रुपयों को निकालकर उसे ग्रामीणों के खातों में जमा कराए जाने की लगातार शिकायतें भी सामने आई थीं. इस बीच पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
और खातों की हो रही पड़ताल
बेहद पिछड़े और नक्सल प्रभावित गांवों के ग्रामीणों द्वारा लाखों रुपये जमा कराए जाने के आकड़े सामने आने के बाद एसपी प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि ग्रामीण इलाकों के और भी खातों की जांच पड़ताल की जा रही है. पूछताछ के दौरान कई खाताधारकों ने पुलिस को बताया है कि नक्सलियों ने डरा-धमकाकर लाखों रुपये उनके खातों में जमा करा दिए है.
नक्सली दलमों ने राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ , छुईखदान , गातापार , गंडई , साल्हेवार और बकरकट्टा इलाके के अलग अलग बैंकों के 27 खातों में लाखों रुपये जमा कराए हैं. इसी तरह जिले के दक्षिणी इलाके में स्थित खड़गांव , औंधी , मदनवाड़ा , सीतागांव , मोहला , कोहका तथा मानपुर के 55 खातों में नक्सलियों द्वारा राशि जमा कराए जाने की जानकारी मिली है.
जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में करीब 36 लाख रूपये जमा कराए जाने के आंकड़े सामने आए हैं. पुलिस के मुताबिक कई और खातों की जांच कराई जा रही है, जिनमें नक्सलियों ने अपना पैसा जमा किया है. 82 खातों में नक्सलियों द्वारा राशि जमा कराए जाने के आंकड़े सामने आने के बाद पुलिस ने बैंक अधिकारियों को पत्र लिखकर इन खातों को सीज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
नक्सलियों ने ग्रामीणों के जनधन खातों में भी लाखों रुपये जमा किए हैं. जांच में इस बात का भी खुलासा हो गया है कि कुछ संगम सदस्यों के परिवारजनों के नाम से भी लाखों रुपये जमा हुए है. पुलिस ने नक्सलियों के रकम को जमा करने वाले खाताधारकों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर ली है.
पांच सौ और एक हजार रुपये के चलन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नक्सली दलमों में खलबली मच गई थी. नक्सलियों ने आनन फानन में अपने प्रभाव वाले इलाकों में उन ग्रमीणों को खोज निकाला जिनके बैंकों में जनधन या फिर बचत खाते थे. बन्दुक की नोक पर नक्सलियों ने उन्हें उनकी रकम जमा कराने की और निश्चित समय में निकालने की हिदायत दे रखी थी. हालांकि अब ये संदेहास्पद खाते सीज हो चुके हैं. ग्रामीण रकम के स्रोत की जानकारी भी दे रहे है.