छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली दंपत्ति ने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा, दंपति के आत्मसमर्पण से दंतेवाड़ा जिले में जून 2020 से हथियार डालने वाले नक्सलियों की संख्या बढ़कर 861 हो गई है, जिसमें लोन वर्राटू अभियान के तहत 193 इनामी नक्सली शामिल हैं.
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि भीमा उर्फ पवन माड़वी (28) और उसकी पत्नी विमला माड़कम (25) ने मंगलवार को दंतेवाड़ा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया. उन्होंने माओवादियों की खोखली और अमानवीय विचारधारा से निराशा जताते हुए यह आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने बताया कि दोनों नक्सलियों के पुनर्वास के लिए जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'लोन वर्राटू' (अपने घर/गांव वापस लौटो) से प्रभावित थे.
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पवन माड़वी पर 5 लाख रुपये का था इनाम
पवन माड़वी पिछले 10 वर्षों से माओवादियों की मलंगेर क्षेत्र समिति का सक्रिय सदस्य था. पुलिस टीमों पर हमला करने और आईईडी विस्फोट करने में कथित संलिप्तता के लिए उस पर 5 लाख रुपये का इनाम था. माड़वी की पत्नी विमला प्लाटून नंबर 1 की सदस्य थी. राय ने बताया कि 31 माओवादियों पर 2 लाख रुपये का इनाम है.
हथियार डालने वाले की संख्या बढ़कर 861 हुई
पवन और विमला को 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा. दंपत्ति के आत्मसमर्पण से दंतेवाड़ा जिले में जून 2020 से हथियार डालने वाले नक्सलियों की संख्या बढ़कर 861 हो गई है, जिसमें लोन वर्राटू (Lon Varratu) अभियान के तहत 193 इनामी नक्सली शामिल हैं.