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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा को मारने की फिराक में हैं नक्सली

तीन लाख के इनामी माओवादी कमांडर राकेश सोढ़ी को कोत्तागुड़ा व कवंरगुड़ा के बीच टिफिन बम और डेटोनेटर के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उससे गहन पूछताछ जारी है. सोढ़ी कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है.

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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा

छत्तीसगढ़ के वनमंत्री महेश गागड़ा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गागड़ा घोर नक्सल प्रभावित इलाके बीजापुर में रहते हैं. यही उनका गृह नगर है और विधानसभा सीट. दरअसल, पुलिस के हत्थे चढ़े एक कुख्यात नक्सली ने इस बात का खुलासा किया है कि नक्सली संगठन महेश गागड़ा पर हमला करने के लिए षड़यंत्र कर रहे हैं. मद्देड़ एलजीएस कमांडर राकेश सोढ़ी ने यह  खुलासा किया है कि वनमंत्री महेश गागड़ा माओवादियों की हिटलिस्ट में है. उन्हें मारने के लिए सेन्ट्रल कमेटी ने आदेश जारी किया है.

गौरतलब है कि तीन लाख के इनामी माओवादी कमांडर राकेश सोढ़ी को कोत्तागुड़ा व कवंरगुड़ा के बीच टिफिन बम और डेटोनेटर के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उससे गहन पूछताछ जारी है. सोढ़ी कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है. कुख्यात नक्सली सोढ़ी ने बताया बीजेपी सरकार के इशारे पर माओवादियों के खिलाफ पुलिस ऑपरेशन चला रही है. इससे सेन्ट्रल कमेटी के नेता नाराज हैं. वो बस्तर में बीजेपी के नेताओं की हत्या के लिए प्लान तैयार करने पर जोर दे रहे हैं. उसके मुताबिक हाल ही में मद्देड़ जिला पंचायत सदस्य व बीजेपी नेता की हत्या माओवादी कमांडर नागेश के कहने पर की गई थी.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के वो आम कार्यकर्ता हिटलिस्ट में नहीं हैं जो उस इलाके में नक्सली कमांडरों से मेलजोल रख रहे हैं. सोढ़ी ने पुलिस को कई ऐसी जानकारी दी है जो बस्तर में आवाजाही कर रहे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं की हिफाजत को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

आपको बता दें कि राकेश सोढ़ी झीरम घाटी में हुई घटना में भी शामिल रहा है. 25 मई 2012 को झीरम घाटी में कांग्रेसी नेताओ पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस घटना में 32 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई थी.

डिप्टी कमांडर राकेश सोढ़ी ने यह भी बताया कि पिछले एक महीने में 40 युवक-युवतियों की दलम में नई भर्ती की गई है. बीजापुर एसपी के.एल. ध्रुव के मुताबिक पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान को माओवादी बीजेपी से जोड़कर देख रहे हैं. यही कारण है कि बीजेपी के नेता और ऐसे कार्यकर्ता जो नक्सलियों की बात नहीं मान रहे हैं उन्हें वो मारना चाहते हैं. उनके मुताबिक किस-किस राजनीतिक पार्टी के लोग माओवादियों से मिलते हैं इसकी पुख्ता जानकारी इकट्ठा की जा रही है.

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