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पत्नी और बच्चे की फरियाद के बाद पसीजे नक्सली, इंजीनियर और राज मिस्त्री को किया रिहा

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके से अगवा हुए इंजीनियर अशोक पवार महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और वर्तमान में अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ किराये के घर पर रहे थे. पत्नी की मार्मिक अपील पर नक्सलियों ने उन्हें बिना कोई नुकसान पहुंचाए आजाद कर दिया.

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पत्नी और बच्चे की फरियाद के बाद नक्सलियों ने इंजीनियर को छोड़ा.
पत्नी और बच्चे की फरियाद के बाद नक्सलियों ने इंजीनियर को छोड़ा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 10 फरवरी को हुआ था इंजीनियर का अपहरण
  • जंगल में पति को तलाशने निकल गई थी पत्नी

छत्तीसगढ़ के बीजापुर से अगवा किए गए इंजीनियर अशोक पवार को नक्‍सलियों ने पांच दिन बाद बिना शर्त र‍िहा कर दिया है. इंजीनियर के साथ राजमिस्त्री को भी बेदरे इलाके में मंगलवार देर शाम नक्सलियों ने छोड़ दिया. बीते गुरुवार के दिन दोनों को इसी इलाके से अगवा कर लिया गया था.   

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इंजीनियर की पत्नी सोनल पवार ने पति की रिहाई के लिए नक्सलियों से गुहार लगाई थी. दो छोटी-छोटी बच्चियों के साथ महिला खुद पिछले 3 दिनों से बीजापुर के जंगलों में निकली हुई थी ताकि नक्सलियों से अनुरोध कर पति को छुड़वाया जा सके. उधर, अगवा राजमिस्त्री के परिजन भी जंगलों में भटक रहे थे. आखिरकार उनकी मिन्नतें काम आईं और नक्सलियों ने इंजीनियर समेत राज मिस्त्री को रिहा कर दिया. दोनों को बेदरे पुल के पार रिहा कर दिया गया.

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने 'आजतक' को बताया कि इंजीनियर और राजमिस्त्री की रिहाई की पुष्टि हुई है. दोनों को नक्सलियों ने छोड़ दिया है और उन्हें बेदरे कैंप में रखा गया है. 

गुरुवार को हुआ था अपहरण

बीती 10 फरवरी को निजी कंपनी के इंजीनियर अपने साथ राजमिस्त्री को लेकर इंद्रावती नदी पर बने पुल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान वहां हथियारबंद नक्सली आए और उन्हें उठाकर घने जंगलों में ले गए थे.  

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सुन ली पत्नी की भावुक गुहार

इससे पत्नी सोनाली पवार परेशान हो गई और उनकी तरफ से नक्सलियों से लगातार अपील की जा रही थी कि उनके पति को छोड़ दिया जाए.  महिला ने अपनी अपील में कहा था, ''मेरे पति रोजी रोटी के लिए काम करने बस्तर आए हुए हैं, उनके काम करने वाली जगह से कुछ गांव वाले उन्हें लेकर चले गए. मेरी दो छोटी-छोटी बेटियां भी हैं, हमारे पालन पोषण के लिए ही मेरे पति बस्तर काम करने गए हुए हैं, मैं आप सभी से अपील करती हूं कि मेरे पति को रिहा कर दें. यदि मेरे पति के द्वारा कोई गलती हुई हो, उन्हें माफ कर दें. '' 

आखिरकार एक मां और पत्नी की इस भावुक  और मार्मिक अपील का नक्सलियों पर असर पड़ा. इसी के बाद उन्होंने अगवा इंजीनियर को बिना शर्त और बिना कोई नुकसान पहुंचाए रिहा कर दिया.    

(बीजापुर से धर्मेंद्र महापात्र का इनपुट) 

 

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