scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़ में वोटिंग से ठीक पहले नक्सलियों का हमला, BSF का जवान शहीद

पुलिस विभाग का कहना कि रविवार को मतदान वाले जिलों में सुरक्षाबलों का बड़ा मूवमेंट हो रहा है. इस दौरान सबसे बड़ा खतरा बारूदी सुरंगों से है, कांकेर में बीएसएफ के जवान इसी की चपेट में आए. पुलिस के मुताबिक नक्सलियों को इस बात की जानकारी है कि कहां मतदान केंद्र है और कहां से मतदान दल और सुरक्षा बल का दल निकलेगा. इन क्षेत्रों में मतदान दल को सुरक्षित पहुंचाना, मतदान कराना और वापस लाना चुनौती भरा काम है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)

Advertisement

छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को पहले चरण के मतदान के पहले नक्सलियों ने अपनी हिंसक मौजूदगी दर्ज कराई है. नक्सलियों ने कांकेर में 6 IED धमाके किए हैं, और सुरक्षाबलों पर फायरिंग की है. इस घटना में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया.

फर्स्ट फेज की वोटिंग से पहले नक्सलियों का चैलेंज

अधिकारियों ने बताया कि कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र में बीएसएफ का दल गश्त के लिए निकला था. दल जब कटटाकाल और गोमे के बीच में था तभी नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया और अचानक से फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह घायल हो गए थे. अस्पताल में उनकी मौत हो गई.  महेंद्र सिंह राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे.

 पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने घटनास्थल पर एक के बाद एक 6 धमाके किए. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पुलिस दल की और टीमों को भेजा गया. पुलिस टीम ने यहां से दर्जन भर IED और प्रेशर बम बरामद किया है. इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी है.

Advertisement

बता दें कि छत्तीगसढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों और राजनांदगांव जिले के 18 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार 12 नवंबर को मतदान होगा. वहीं 72 अन्य सीटों के लिए 20 नवंबर को मत डाले जाएंगे. क्षेत्र में नक्सलियों ने चुनाव का विरोध किया है तथा पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.

एक नक्सली मारा गया, एक को जिंदा पकड़ा

इधर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रविवार को समाचार एजेंसी भाषा को फोन पर बताया कि बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र में एसटीएफ का एक दल गश्त पर था. यह दल जब क्षेत्र में था तभी नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया. इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की.

कुछ देर तक मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए. बाद में जब पुलिस दल ने घटनास्थल की तलाशी ली तब वहां काली वर्दी में एक नक्सली का शव, दो राइफल और दूसरे सामान मिले. पुलिस ने एक नक्सली को जिंदा भी गिरफ्तार किया है.

सुरक्षित मतदान सुरक्षाबलों के लिए चुनौती

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं कि रविवार (11 नवंबर) को मतदान वाले जिलों में बड़ा मूवमेंट हो रहा है. इस दौरान सबसे बड़ा खतरा बारूदी सुरंगों से है, कांकेर में बीएसएफ के जवान इसी की चपेट में आए. पुलिस के मुताबिक नक्सलियों को इस बात की जानकारी है कि कहां मतदान केंद्र है और कहां से मतदान दल और सुरक्षा बल का दल निकलेगा. इन क्षेत्रों में मतदान दल को सुरक्षित पहुंचाना, मतदान कराना और वापस लाना चुनौती भरा काम है.

Advertisement

छत्तीसगढ़ में पहले चरण में राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिले और राजनांदगांव जिले के 18 विधानसभा सीटों के लिए मतदान है. सोमवार को राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर, कांकेर जिले के अंतागढ़, भानुप्रतापपुर और कांकेर, कोंडागांव जिले के केशकाल और कोंडागांव, नारायणपुर जिले के नारायणपुर, दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा, बीजापुर जिले के बीजापुर तथा सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे.

वहीं जिन आठ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित है, उनमें राजनांदगांव जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव और खुज्जी तथा बस्तर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र बस्तर, जगदलपुर एवं चित्रकोट शामिल हैं.

18 सीटों पर चुनाव के लिए 1 लाख जवान

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए सुरक्षा बलों के लगभग एक लाख जवानों को तैनात किया गया है.

अवस्थी ने बताया कि प्रथम चरण के मतदान के लिए मतदान दलों को रवाना किया जा रहा है. राज्य के नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों के लिए 650 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया है. इन क्षेत्रों में मतदान दलों को सुरक्षित पहुंचा दिया गया है. इस कार्य के लिए भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल और निजी हेलीकाप्टरों की सेवाएं ली गई है.

Advertisement

जहां मतदान दल सड़क मार्ग से जा सकता है वहां के लिए दल को सुरक्षा के साथ आगे रवाना किया जा रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा बलों की 650 कंपनियां आई है. यहां पहले से बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं. सभी को चुनाव कार्य में लगा दिया गया है.

अवस्थी ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बतरने को कहा गया है. उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है. सुरक्षा बल से कहा गया है कि वह किसी भी प्रकार के सामान को लाने या अन्य कार्यों के लिए सड़क का उपयोग तब तक नहीं करें जब तक क्षेत्र में रोड ओपनिंग पार्टी न लगी हो या क्षेत्र को बारूदी सुरंगों से रहित न किया गया हो.

Advertisement
Advertisement