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ग्रामीणों के खाते में जबरन अपने रुपये जमा करवा रहे हैं नक्सली, 99 लाख के साथ पकड़ा गया एक शख्स

छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में एक पूर्व उप सरपंच को 99 लाख रुपये के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस नाकेबंदी के दौरान पकड़े गए नोटों में 66 लाख रुपये के नए और 33 लाख के पुराने नोट हैं.

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पकड़े गए नोटों में 66 लाख रुपये के नए और 33 लाख के पुराने नोट हैं
पकड़े गए नोटों में 66 लाख रुपये के नए और 33 लाख के पुराने नोट हैं

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छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में एक पूर्व उप सरपंच को 99 लाख रुपये के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस नाकेबंदी के दौरान पकड़े गए नोटों में 66 लाख रुपये के नए और 33 लाख के पुराने नोट हैं. पकड़े गए शख्स बुधराम ने कबूल किया है कि ये रकम नक्सलियों की है. हालांकि वह ये बताने को तैयार नहीं कि किस बैंक या बैंक अधिकारी के जरिये उसने पुराने नोटों को नए नोटों में बदला.

बुधराम को जब हिरासत में लिया गया, तब वो 99 लाख रुपये लेकर गढ़चिरौली जा रहा था. ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नक्सली तमाम गलत तरीकों से जुटाई गई अपनी रकम को ग्रामीणों को डरा-धमका कर उनके जनधन खातों में जमा कराना चाहते हैं.

ग्रामीणों के खाते में अपने पैसे जमा कराने की कोशिश में नक्सली
पुराने नोटों में अब 5000 रुपये से अधिक की रकम बैंक खाते में जमा करने पर उसकी पूरी जानकारी देनी पड़ रही है. इस प्रावधान से नक्सलियों का यह षड्यंत्र अब बेकार पड़ने जा रहा है. यही वजह है कि नक्सली पंचों, सरपंचों और पूर्व ग्राम प्रधानों के जरिये अपने पैसों को ग्रामीणों के खातों में जमा कराने की कोशिश कर रहे हैं.

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बुधराम राजनंदगांव जिले के मोहलमानपुर गांव का पूर्व उप सरपंच रह चुका है. पुलिस के मुताबिक बुधराम नक्सलियों का पैसा ही ग्रामीणों के खातों में जमा कराने के लिए खूब हाथ-पैर मार रहा था. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर किस बैंक अधिकारी ने पुराने नोट लेकर बुधराम को 66 लाख रुपये के नए नोट दिए.

पहले शक जताया जा रहा था कि किसी व्यापारी ने बुधराम को ये रकम बदल कर दी, लेकिन पूछताछ में यह बात सामने आई कि ये रकम एकमुश्त किसी बैंक अधिकारी की मदद से बदली गई. बताया जा रहा है कि बाकी 33 लाख रुपये के पुराने नोट भी दो दिन में बदलने के लिए बुधराम से वादा किया गया था. लेकिन बुधराम नक्सलियों तक रकम पहुंचाने से पहले ही पकड़ा गया. बुधराम का खुद का भी मानपुर सहकारी बैंक में खाता है. इस खाते में 63,000 रुपये जमा हैं.

लोगों को कैशलेस लेनदेन सिखा रही पुलिस
जहां एक तरफ नक्सली अपनी काली रकम को बदलवाने के लिए डराने-धमकाने का सहारा ले रहे हैं. वहीं पुलिस की एक और कवायद ने भी उनकी नींद उड़ा रखी है. छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस जाकर लोगों को कैशलेस लेनदेन के तौर-तरीके समझा रही है. पुलिस लोगों को समझा रही है कि वो अपना मेहनताना नगद में न लेकर सीधे बैंक में जमा कराएं. साथ ही सरकारी विभागों और ठेकेदारों को भी श्रमिकों का भुगतान सीधे उनके खातों में भेजने के लिए कहा जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस तरीके से नक्सलियों की वसूली पर रोक लगेगी. नक्सली सुरक्षा और दलम चलाने के नाम पर हर हफ्ते ग्रामीणों से नकद वसूली करते हैं.

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