नक्सली छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले पर कब्जा जमाकर अपना राज चलाना चाहते हैं. 25 मई को दरभा के निकट जीरम घाटी में देश के सबसे बड़े नक्सली हमले को आसानी से अंजाम देने के बाद नक्सलियों के हौसले बुलंद हैं.
अब सुकमा को चारों ओर से पहुंच-विहीन बनाकर वह जगरगुंडा की तरह इसे 'टापू' में तब्दील कर सुकमा को भी पूरी तरह से अपने कब्जे में लेना चाहते हैं. सूत्रों की मानें तो जगरगुंडा पर पूरी तरह से नक्सलियों का कब्जा है.
बस्तर संभाग की इस हरी-भरी वादियों और पहाड़ियों के बीच बसे इलाके की 'लाइफ लाइन' कही जाने वाली मुख्य सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30, दक्षिण भारत के पांच प्रमुख राज्यों से जोड़ने वाली सड़क केशलुर-कोंटा मार्ग पर पड़ने वाले बड़े पुलों को नक्सली बारिश के मौसम से पहले निशाना बना सकते हैं.
सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शांडिल्य ने मिल रहीं गुप्त सूचनाओं के आधार पर ऐसी आशंका जाहिर भी की है. केशलुर से सुकमा और सुकमा से कोंटा के बीच राममार्ग 30 पर ऐसे कई बड़े पुल-पुलिया हैं, जिन्हें अगर नक्सलियों ने ध्वस्त कर दिया तो सुकमा का प्रदेश के अन्य हिस्सों से संपर्क लगभग टूट जाएगा.
जानकारों के मुताबिक, इन हालात में बड़े पुल-पुलिया का बारिश के दिनों में मरम्मत करना भी संभव नहीं है. अगर ऐसा हुआ तो सुकमा पूरी तरह से टापू बन जाएगा. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कलेक्टर और एसपी को पहले ही निर्देश दे दिए हैं कि वे पूरी सतर्कता के साथ काम करें. साथ ही स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जाए.