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छत्तीसगढ़: नए आयकर नियम से धार्मिक संस्थाओं और ट्रस्टों में हड़कंप

अब मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च और दरगाह समेत धार्मिक संस्थाएं और उनके ट्रस्ट आयकर के दायरे में आ गए हैं. दस हजार से ज्यादा की नगद रकम अब कोई भी धार्मिक संस्था सीधे नहीं ले सकेगी. यदि वे दस हजार से ज्यादा की रकम स्वीकार करती है तो उन्हें दानदाता का ब्योरा भी आयकर अफसरों को सौंपना होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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अब धार्मिक संस्थाएं भी आयकर के दायरे में आ गई हैं. आयकर के नए नियम सभी समुदायों धर्मों और धर्मिक संस्थाओं पर भी लागू होंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्य आयकर आयुक्त के दफ्तर ने नए नियमों का हवाला देते हुए धार्मिक संस्थाओं को आगाह किया और उनसे आयकर व रिटर्न भरने की अपील की है. आयकर विभाग जल्द ही विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के खातों और ट्रस्टों की आमदनी की पड़ताल करेगा.

आयकर के दायरे में 2 हजार संस्थाएं-ट्रस्ट

बता दें कि अभी तक व्यापारी और नौकरी पेशा लोग ही आयकर और रिटर्न जमा करते थे. लेकिन अब मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च और दरगाह समेत धार्मिक संस्थाएं और उनके ट्रस्ट आयकर के दायरे में आ गए हैं. दस हजार से ज्यादा की नगद रकम अब कोई भी धार्मिक संस्था सीधे नहीं ले सकेगी. यदि वे दस हजार से ज्यादा की रकम स्वीकार करती है तो उन्हें दानदाता का ब्योरा भी आयकर अफसरों को सौंपना होगा. इस नए नियम के बाद छत्तीसगढ़ सर्किल की करीब दो हजार धार्मिक संस्थाएं आयकर के दायरे में हैं. अभी तक सिर्फ बड़े ट्रस्ट ही आयकर विभाग को अपना सालाना ब्योरा देते थे.

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दरअसल, धार्मिक संस्थाओं को दान देकर कई व्यापारिक संस्थान और कारोबारी घराने अपना उल्लू सीधा कर लेते थे. वे एक हाथ से दान करते थे और दूसरे हाथ से ट्रस्टों व कई ऐसी संस्थाओं से दान की रकम का एक बड़ा हिस्सा वापस ले लिया करते थे. साथ ही आयकर विभाग से दान की रकम पर छूट भी ले लिया करते थे. आयकर के नए नियम से इस प्रवृति पर रोक लगने की उम्मीद की जा रही है. नए नियम के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के कई ट्रस्ट चौकन्ने हो गए हैं. आयकर विभाग ने साफ़ किया है कि जल्द ही वो दान से मालामाल हो रही संस्थाओं पर शिकंजा कसेगा.

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