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छत्तीसगढ़ में अब वीआईपी को नहीं मिलेगी बंदूकों की सलामी

लगता है कि छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से कुछ ज्यादा ही प्रभावित है या फिर खौफजदा. दिल्ली में AAP के फैसलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार भी कुछ वैसे ही फैसले कर रही है. राज्य सरकार वीआईपी कल्चर के सफाए में भी जुट गई है.

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रमन सिंह
रमन सिंह

लगता है कि छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से कुछ ज्यादा ही प्रभावित है या फिर खौफजदा. दिल्ली में AAP के फैसलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार भी कुछ वैसे ही फैसले कर रही है. राज्य सरकार वीआईपी कल्चर के सफाए में भी जुट गई है.

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प्रदेश सरकार 'ऑर्डर ऑफ प्रेसिडेंस' के तहत वीआईपी को बंदूक की सलामी देने की व्यवस्था खत्‍म करने जा रही है. यानी 'गार्ड ऑफ ऑनर' पर पूरी तरह रोक लग जाएगी. इसके तहत अब किसी भी अवसर पर न तो राज्‍यपाल, न ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बंदूक की सलामी दी जाएगी. सरकार एक नया नोटिफिकेशन जल्द ही जारी करने वाली है. रमन सरकार के इन फैसलों को वीआईपी कल्चर की रोकथाम की शुरुआत माना जा रहा है.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य की बीजेपी सरकार का चेहरा-मोहरा बदलने के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी है. इस मामले में उन्होंने दिल्‍ली की AAP सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है. राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार करने वालो को सबक सिखाने के लिए दो टोल फ्री नंबर जारी किए हैं. इन नम्बरों को डायल कर कोई भी व्यक्ति सीधे भ्रष्टाचारियों और रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है. ये नंबर है: 0771-4053739 और 0771-2222410.

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इन दोनों नम्बरों पर नगर निगमों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के अलावा अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन और डिवेलपमेंट विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत की जा सकती है. नगर प्रशासन विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास है. लिहाजा वे अपने अधीन विभागों में किसी भी भ्रष्टाचारी कर्मचारी को बर्दाशत नहीं करेंगे.

नए साल पर रमन सिंह ने पत्र लिखकर अपने सभी मंत्रियों से कहा था की वे भ्रष्टाचार के मामलों से कड़ाई से निपटे. उन्‍होंने कहा था कि मंत्री खुद भी पारदर्शिता के साथ काम करें, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लग सके.

उधर सरकार के इन फैसलों से कांग्रेस भी पसोपेश में है. वह न तो इन फैसलों की आलोचना कर पा रही है, न ही विरोध. हालांकि इन फैसलों को कांग्रेस सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाला फैसला करार दे रही है.

बहरहाल, छत्तीसगढ़ सरकार के इन फैसलों ने आम जनता की निगाहों में थोड़ी उम्‍मीदें तो जगा ही दी हैं.

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