झारखंड में देश की खनिज संपदा का करीब 43% भंडार है जिसमें से यहां के कोयले से देश की राजधानी दिल्ली समेत 11 राज्यों को बिजली मिलती है. लिहाजा लगातार बारिश से कोयले के उत्पादन पर असर पड़ने और उससे पावर सेक्टर पर असर की आशंका बीते कई दिनों से डरा रही थी. हालांकि ट्रांसपोर्टर हो या कोयला प्रबंधन सबका यही कहना है कि बारिश और दुर्गा पूजा में छुट्टी के माहौल से उत्पादन पर थोड़ा असर जरूर पड़ा लेकिन उससे निपटना कोल इंडिया के लिए बड़ी चुनौती नहीं है.
कोयला खदान अब पहले से काफी आधुनिक हो चुके हैं. पहले लगातार बारिश होने पर माइंस के डूबने के खतरा रहता था. बारिश के वजह से धनबाद के गजली टांड में 1995 में कई माइनर्स की जल समाधि हो गई थी. हालांकि प्रबंधन कहती है कि अब हालात बदल गए हैं. 28 सितंबर और 29 सितंबर को एक ही दिन में 270 एमएम और 90 एमएम बारिश के कारण उत्पादन पर असर जरूर पड़ा था, लेकिन अब उत्पादन के लक्ष्य के अनुरूप ही काम हो रहा है.
ट्रांसपोर्टर कल्याण पांडेय और प्रदीप महतो को भी भरोसा है कि अगले 2 से 4 दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा.
कंपनी लगातार मेहनत कर रहीः ट्रांसपोर्टर
कोयला कमी के संभावित संकट के मुद्दे पर हमारे संवाददाता ने CCL और BCCL का कमान संभाल रहे पीएम प्रसाद जो दोनों सब्सिडरी के CMD हैं उनसे खास बातचीत की. प्रसाद ने आजतक को बताया कि कोयला उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. लेकिन पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में इजाफा हुआ है. इसकी वजह से देश के तमाम पावर प्लांट्स कोल इंडिया पर आश्रित हो गए हैं. इस भरोसे को कायम रखने के लिए कंपनी ने एड़ी चोटी लगा दी है.
उन्होंने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड की सात अनुषंगी उत्पादन कंपनियों में से दो यानी सीसीएल और बीसीसीएल पर भी कोयला उत्पादन का दबाव बढ़ा है. जिसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम हो रहा है.
जल्द बढ़ाएंगे टॉरगेटः BCCL
सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने बताया कि यहां से झारखंड के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के पावर प्लांट्स में कोयले की सप्लाई होती है. सीसीएल के साथ 40 प्लांट्स लिंक्ड हैं. यहां से एनटीपीसी, डीवीसी, डब्यूपीडीसीएल, कुछ इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स, यूपीआरवीएनएल, हरियाणा और पंजाब को कोयले की सप्लाई होती है. बीसीसीएल के साथ मुख्य रूप से डीवीसी, डब्यूपीडीसीएल और एनटीपीसी के कुछ प्लांट्स लिंक्ड हैं.
फिलहाल सीसीएल का टारगेट 44 रैक का है. इसकी तुलना में कल यानी 18 अक्टूबर को 41 रैक कोयले की सप्लाई हुई थी. वहीं बीसीसीएल को कल 21 रैक का टारगेट था. इसकी तुलना में 16-17 रैक भेजा जा सका है.
बीसीसीएल के सीएमडी का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीएम प्रसाद ने बताया कि बारिश की वजह से उत्पादन पर असर जरूर पड़ा है. लेकिन चुनौती को चैलेंज के रूप में लेकर काम किया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि अभी तक किसी प्लांट्स में कोयले की कमी नहीं होने दी गई है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि बारिश खत्म होते ही कोल सप्लाई के टारगेट को और बढ़ाया जाएगा.