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Coal Crisis In Rajasthan: सोनिया गांधी के दखल के बाद भी कोयला संकट का हल नहीं, आज भूपेश बघेल से मिलेंगे गहलोत

Coal Crisis In Rajasthan: इन दिनों राजस्थान कोयले के संकट से जूझ रहा है. इसके समाधान के लिए सीएम अशोक गहलोत सोनिया गांधी तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामला अटका रखा है.

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अशोक गहलोत, सोनिया गांधी और भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
अशोक गहलोत, सोनिया गांधी और भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गहलोत ने 3 बार पत्र लिखा सोनिया गांधी को पत्र
  • केंद्र सरकार ने आवंटित की थी खदानें

Coal Crisis In Rajasthan: राजस्थान में कोयला संकट को लेकर मचा घमासान जारी है. लिहाजा शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात करेंगे. हालांकि इस मामले में गहलोत ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग की थी. लेकिन उनके दखल के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है. ऐसे में सूबे के मुखिया गहलोत इस समस्या के समाधान के लिए आज छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. 

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गर्मियों का सीज़न शुरू हो गया है. वहीं राजस्थान में कोयले का स्टॉक ख़त्म होने की कगार पर है. ऐसे में हाहाकार मचने से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से मिलकर राजस्थान के हिस्से में आने वाली कोयला खदानों से कोयला निकालने की अनुमति दिए जाने के संबंध में चर्चा करेंगे. 

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार भूपेश बघेल को पत्र लिख चुके हैं. इतना ही नहीं, वह पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी 3 बार पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग कर चुके हैं. लेकिन अभी तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से सहयोग के दिशा में कदम नहीं बढ़ाए गए हैं. 

बता दें कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के बिजलीघरों के लिए कोयले की खादान आवांटित की थीं, लेकिन अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) न मिल पाने की वजह प्रदेश को कोयला नहीं मिल पा रहा है. 2015 में 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट-कांटा बासन में 15 MTPA और पारसा में 5 MTPA क्षमता के कोल ब्लॉक को केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद भी भूपेश बघेल सरकार की ओर से अनुमति नहीं दी गई है. 

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