दुनियाभर में आज यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. ऐसे मौके पर जांबाजी की मिसाल पेश कर रही महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों की काफी चर्चा की जा रही है. अगर हम आपसे कहें कि गर्भवती महिला एके 47 हाथ में लिए, सामान से भरा करीब 15 से 20 किलो का बैग कंधों पर लटकाकर नक्सलियों से लोहा लेने जंगलों में निकलती है, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा.
दंतेवाड़ा में एक ऐसी ही डीआरजी दंतेश्वरी फाइटर्स की जांबाज महिला कमांडो सुनैना पटेल हैं, जो महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी मिसाल हैं. काम का इतना जुनून है कि नक्सलियों से लोहा लेने बेखौफ होकर टीम के साथ जंगलों में निकल पड़ती हैं. गर्भवती होने के बाद भी सुनैना ने इस काम को नहीं छोड़ा बल्कि गर्भावस्था में ज्यादा काम किया.
सुनैना के बेटी पैदा हुई तो कहलाएगी दंतेश्वरी फाइटर्स!
सुनैना पटेल भारी भरकम बोझ कंधों पर लटकाए नदी, नालों, जंगल, पहाड़ों को पार कर पैदल कई किलोमीटर चलकर नक्सल ऑपरेशन में शामिल होती रही हैं. लोगों को जब सुनैना की बदाहुरी का पता चला तो हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. साथी महिला कमांडोज ने कहा कि सुनैना को अगर बेटी हुई तो हम उसे दंतेश्वरी फाइटर्स ही कहेंगे.
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सुनैना ने अधिकारियों को क्यों नहीं बताई गर्भवास्था की बात?
वहीं सुनैना ने कहा कि डीआरजी टीम गठित होने के करीब एक महीने बाद वह गर्भवती हो गई थीं. उन्होंने अधिकारियों को इस बात की जानकारी इसलिए नहीं दी क्योंकि वह नक्सल ऑपरेशन पर जाना चाहती थीं. अगर अधिकारियों को उनके गर्भवती होने की जानकारी दी जाती तो नक्सल ऑपरेशन पर जाने से रोका जा सकता था. सुनैना ने बताया कि करीब साढ़े 6 महीने बाद अधिकारियों को उनके गर्भवती होने की जानकारी दी गई.
Sunaina Patel, 8-month-old pregnant woman deployed as Danteshwari fighter in District Reserve Guard to combat Naxals in Chhattisgarh's Dantewada: I was 2-months pregnant when I joined. I never refused to perform my duties. Today also if I'm asked I'll do it with utmost sincerity. pic.twitter.com/6tUOruZsbz
— ANI (@ANI) March 8, 2020
सुनैना ने कहा कि अब भी जहां भेजें वहां जाने को तैयार हूं. एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने भी सुनैना की तारीफ करते हुए कहा कि वह इस टीम की काफी तेज तर्रार महिला कमांडो हैं. काम करने का जुनून है. जब उनके गर्भवती होने का पता चला तो स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए ऑपरेशन पर भेजना बंद किया.
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बता दें कि मई 2019 में महिला पुलिसकर्मी व सरेंडर नक्सलियों को मिलाकर महिला डीआरजी की टीम गठित की गई थी. इसमें महिला पुलिसकर्मी सुनैना भी शामिल हैं. दंतेवाड़ा प्रदेश का इकलौता ज़िला है जहां महिला डीआरजी की टीम भी है, जो नक्सल ऑपरेशन के लिए जंगलों में जाती है. इस टीम में शामिल होने के करीब महीने भर बाद सुनैना गर्भवती हो गई थीं. सुनैना ने अपने गर्भवती होने की जानकारी साढ़े 6 महीने तक अधिकारियों को नहीं दी. लेकिन जब पता चला तो उन्हें तुरंत ऑपरेशन पर भेजना बंद कर दिया.