छत्तीसगसढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा डोंगरगढ़ से निकलने वाली है. इस यात्रा पर नक्सली हमले के खतरे का साया भी मंडरा रहा है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि राज्य में नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में हैं. लिहाजा सीएम की इस यात्रा की सुरक्षा पहले चरण की तुलना में काफी बढ़ा दी गई है. विकास यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रीय नेता, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, वीआईपी और कई बड़े नेता शामिल होंगे. जिसके चलते सम्बंधित जिले के बल के साथ ही स्थानीय रिजर्व बल को भी तैनात किया जाएगा. साथ ही डीआरजी, एसटीएफ और अन्य बलों की तैनाती भी की जाएगी.
मुख्यमंत्री रमन सिंह 30 अगस्त से 30 सितंबर के बीच आधा सैकड़ा से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में दौरा करंगे. उनका विकास रथ कई ऐसे इलाकों में भी जाएगा, जो नक्सली वारदातों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. किसी भी नक्सली हमले से निपटने विकास यात्रा की सुरक्षा दोगुनी कर दी गई है. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है. इस यात्रा को लेकर राज्य का गृह मंत्रालय किसी भी तरह की कमी नहीं रखना चाहता.
पुलिस के आला अधिकारियो के मुताबिक, पिछले लंबे वक्त से नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई में हुई हार और साथियों के मारे जाने से नक्सली बौखला गए हैं. राज्य पुलिस और इंटिलेजेंस ब्यूरों के अफसरों का कहना है कि बौखलाहट में नक्सली विकास यात्रा के दौरान किसी वारदात को अंजाम दे सकते है. हाल ही में सुरक्षाबलों ने सुकमा और दंतेवाड़ा सीमा पर 15 नक्सलियों को मार गिराए जाने के बाद नक्सलियों ने आधा दर्जन से ज्यादा आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया है.
दुर्ग आईजी जी.पी. सिंह के मुताबिक, डोंगरगढ़ से शुरू होने वाली विकास यात्रा के दौरान पर्याप्त सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया है. सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर और रायपुर डिवीजन के आईजी ने भी अपने रेंज में सोमवार को विशेष बैठक बुलाई है.
करीब पांच साल पहले ग्राम सुराज अभियान के दौरान सुकमा जिले के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था. इसी साल अप्रैल-मई में मुख्यमंत्री रमन की विकास यात्रा के पहले चरण में भी नक्सलियों ने सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में उत्पात मचाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने उसे विफल कर दिया था.