केन्द्र में सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी को जबरदस्त हार का मुंह देखना पड़ रहा है. रविवार को घोषित पालिका चुनाव के परिणाम बीजेपी के खिलाफ गए हैं.
पार्टी राज्य के दस नगर निगम सीटों में से सिर्फ चार ही जीत पाई. इतना ही नहीं उसे 39 नगर पालिकाओं में से सिर्फ 16 में जीत हासिल हुई. नगर पंचायतों में तो उसे और भी निराशा का सामना करना पड़ा. 105 नगर पंचायतों में से उसे 37 में जीत मिली. 2009 में उसे नौ निगमों तथा 18 पालिकाओं में जीत मिली थी.
ऐसा नहीं है कि पार्टी को किसी एक इलाके में हार का सामना करना पड़ा हो, राज्य के लगभग सभी इलाकों में उसे पराजय मिली. सरगुजा और बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्रों में भी उसे हार का सामना करना पड़ा. राज्य की राजधानी रायपुर में भी पार्टी पराजित हो गई.
कांग्रेस को बड़ी सफलता
बीजेपी की यह हार कांग्रेस के लिए खुशी लेकर आई है. इस बार उसे 4 नगर निगमों, 16 पालिकाओं और 44 नगर पंचायतों में जीत मिली है. इस बार चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बड़े पैमाने पर जीते हैं. दो नगर निगमों, 7 पालिकाओं तथा 18 नगर पंचायतों में निर्दलीयों की चली. इनमें मधु भी हैं जो किन्नर हैं और जिन्होंने रायगढ़ की प्रतिष्ठित सीट जीती है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक ये चुनाव परिणाम रमन सिंह के लिए बड़ा धक्का है क्योंकि इन चुनाव में हर सीट पर उम्मीदवार की बजाय उनका चित्र चमक रहा था. उन्हें स्थानीय उम्मीदवार की जगह ज्यादा अहमियत दी गई थी. सभी लोकल टीवी चैनलों में वह छाए हुए थे. उन्होंने दावा किया था कि राज्य से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा. अब वह चुप हैं. उन्होंने इतना ही कहा कि हम इन परिणामों की समीक्षा करेंगे.