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जवानों को बमों से बचाने वाली स्निफर डॉग बैरी नैना नहीं रही

स्निफर डॉग बैरी नैना की जगदलपुर में ट्रेनिंग के दौरान मौत हो गई. जगदलपुर में पोस्टमार्टम के बाद स्निफर डॉग का शव कराली हेड क्वार्टर लाया गया. यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उसे अंतिम विदाई दी गई.

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स्निफर डॉग बैरी नैना
स्निफर डॉग बैरी नैना

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बीहड़ जंगलों के मुश्किल भरे रास्तों में पग-पग पर बिछे बमों को ढूंढ़कर अफसरों और जवानों की जान बचाने व आईईडी को ढूंढने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली CRPF की 111वीं बटालियन की खोजी स्निफर डॉग बैरी नैना नहीं रही.

बैरी नैना की जगदलपुर में ट्रेनिंग के दौरान मौत हो गई. जगदलपुर में पोस्टमार्टम के बाद स्निफर डॉग का शव कराली हेड क्वार्टर लाया गया. यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उसे अंतिम विदाई दी गई. CRPF के डीआईजी डी.एन. लाल भी बैरी नैना की शहादत पर खुद को रोक नहीं पाए. जैसे ही शव कराली पंहुचा, तिरंगे में लिपटी बैरी को कंधे पर उठा लिया. गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उसे कैंप में ही दफनाया दिया गया.

जवानों के साथ उनके हर अच्छे-बुरे पल में साथी रही नैना के शहीद होने के बाद CRPF के कई जवानों की आंखें नम हो गईं. वह जवानों के बीच काफी लोकप्रिय थी. बहादुर स्निफर डॉग बैरी नैना ने अरनपुर से कोंडासावली सड़क निर्माण के दौरान दर्जन भर से ज्यादा आईईडी को खोज निकाले थे.

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बैरी नैना का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान CRPF के आला अधिकारियों ने शहीद बैरी नैना को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

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