छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक बेटे ने अपने टीचर पिता प्रभात भोई, मां सुलोचना भोई और दादी झरना भोई की पैसे और नौकरी (अनुकंपा नियुक्ति) के लालच में 7 मई को हत्या कर दी थी. इसके बाद घर में ही तीनों लाशों को लकड़ी और सैनिटाइजर से दो दिन तक जलाया था. इस सनसनीखेज वारदात की पूरे प्रदेश में चर्चा है. एक लड़का अपने ही माता, पिता और दादी का हत्यारा कैसे बन गया, ये बात लोगों को कचोट रही है. लोगों ने कुछ हैरान कर देने वाली बातें कही हैं...
महासमुंद जिला मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूर पुटका गांव में हुए इस हत्याकांड से दहशत है. गांव के अधिकतर लोग कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पीड़ित परिवार के लोग भी सदमे में हैं और कोई भी कुछ बोलने कि स्थिति में नहीं हैं. परिवार में अकेला बचा शिक्षक का छोटा बेटा अमित है. वो रायपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. वह गांव आया है लेकिन उसने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
3000 स्क्वायर फीट में बना है मकान
गौरतलब है कि प्रभात भोई और पंचानन भोई दो भाई थे. प्रभात पैकीन गांव के शासकीय स्कूल में प्रधानाचार्य थे. उसी स्कूल में पंचानन शिक्षक हैं. गांव में इनकी 10 हेक्टेयर जमीन है, जिस पर खेती होती है. प्रभात अपनी पत्नी, मां और बड़े बेटे उदित के साथ गांव के आखिरी छोर में बने मकान में रहते थे. ये मकान 3000 स्क्वायर फीट में बना है, जिसके चारों ओर 5000 स्क्वायर फीट जमीन है.
इस वजह से शव जलने की गांव वालों को भनक नहीं लगी
गांव के कुछ ही लोगों ने बताया कि प्रभात बहुत ही अच्छे इंसान थे. मगर, उनका लड़का नशा करता था. किसी को कुछ नहीं समझता था. एक बुजुर्ग ने बताया कि शिक्षक प्रभात का घर बस्ती से दूर है. इसलिए घटना का पता ही नहीं चला. हमें 5 दिन बाद पता चला कि ये वारदात हो गई है. घर की बाउंड्री वाल ऊंची होने के चलते गांव वालों को शव जलाने की भी भनक नहीं लग पाई.
हत्यारोपी के बारे में गांव के एक शख्स की जुबानी
गांव के ही एक शख्स ने बताया कि उदित अपने घर का लाडला था, कुछ भी गलत करता था पर उसके मां-बाप कभी कुछ नहीं बोलते थे. वो गांव में कई बार चोरी भी कर चुका था. मगर, थाने में कभी रिपोर्ट नहीं दर्ज होती थी क्योंकि जिसके घर में चोरी होती थी, प्रभात उसको पैसे दे देते थे. इसके बाद लोग उनके कहने पर मान जाते थे.
उदित कफ सिरप पीता था- गांव का एक दुकानदार
गांव में ही किराना की दुकान चलाने वाले शख्स ने बताया, "उदित ने उसकी भी दुकान में चोरी की थी. इसके बाद उसके पिता ने चोरी किए गए सामान के बदले पैसे देने की बात कही थी, इस वजह से पुलिस में शिकायत नहीं की थी. उदित कफ सिरप पीता था. मैंने जब उसके पिता से चोरी कि शिकायत की थी तो उसने किसी से मुझे मरवाने के लिए सुपारी भी दी थी".
...तो शायद वो ऐसा नहीं होता- गांव के लोग
उसके खिलाफ मारपीट के मामले में पहली बार 4 मई को महासमुंद जिले के बसना थाने में केस दर्ज हुआ था. उसे एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया था. यहां उसके पिता ने मुचलके पर छुड़ा लिया था. जानकारी के मुताबिक, हत्या के बाद उदित लोगों से पूछता था कि अनुकंपा नौकरी कैसे लगती है. उसके लिए क्या करना पड़ता है. कितने दिन बाद नौकरी लग जाती है. इन बातों से वो लोगों और पुलिस के शक के घेरे में आया था. लोगों का कहना है अगर, उदित के घर के लोग उसकी गलत आदतों पर विरोध करते तो शायद वो ऐसा नहीं होता और अपने ही माता-पिता और दादी का हत्यारा नहीं बनता.
(रिपोर्ट- अरविंद यादव)