राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्य ने कहा है कि माओवादियों से कथित संबंध रखने को लेकर गिरफ्तार की गई आदिवासी शिक्षिका सोनी सोरी को मनोवैज्ञानिक परामर्श की जरूरत है ताकि वह मानसिक आघात से उबर सके जो उन्हें पुलिस हिरासत में मिला था.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य शमीना शफीक ने कहा है कि यदि सोनी को उचित मनोवैज्ञानिक परामर्श नहीं दिया गया तो उन्हें जीवित रह पाने में मुश्किल होगी. गौरतलब है कि शमीना ने कल रायपुर केंद्रीय कारागार का दौरा किया था जहां सोनी को रखा गया है. देश में नक्सलवाद से सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिला दंतेवाड़ा की एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका सोनी (36) को पिछले साल अक्तूबर में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था.
उन्हें माओवादियों की ओर से एक निजी कंपनी से धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बाद में आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने हिरासत में उन्हें प्रताड़ित किया है.
शमीना ने बताया कि सोनी के साथ उन्होंने लंबी बातचीत की है. उन्हें मनोवैज्ञानिक मदद और बहुत ज्यादा परामर्श की जरूरत है. उन्होंने बताया कि यदि उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श नहीं दिया जाता है तो इन परिस्थितियों में उनका जीवित रह पाना बहुत मुश्किल होगा.