छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में खूंखार महिला नक्सली (Female Naxalite) ने सरेंडर किया है. यह महिला नक्सल संगठन में सक्रिय थी और उस पर एक लाख का इनाम घोषित था, उसने पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष सरेंडर किया है. यह महिला नक्सली थाना गोलापल्ली, मरईगुड़ा, किस्टाराम और चिंतागुफा क्षेत्र की नक्सल गतिविधियों में शामिल थी.
जानकारी के अनुसार, 29 वर्षीय पदाम सोमे नक्सली संगठन में अध्यक्ष थी. वह चिंतलनार, मरईगुड़ा और चिंतागुफा सहित कई नक्सली घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभा चुकी थी. छत्तीसगढ़ सरकार की 'नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति' और सुकमा पुलिस द्वारा चलाई जा रही योजना का इस महिला नक्सली के आत्मसमर्पण में योगदान रहा है.
सरकार और पुलिस की इस नीति का उद्देश्य नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास की सुविधा के साथ आर्थिक सहायता भी दी जाती है, ताकि वे समाज में वापस सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.
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सुकमा जिले में पुलिस और सीआरपीएफ के कैंप स्थापित करने के बाद इन इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है. पुलिस के बढ़ते प्रभाव और नक्सली हिंसा से परेशान होकर पदाम सोमे ने नक्सली संगठन छोड़ने का निर्णय लिया. सुकमा पुलिस के डीएसपी सुनील रात्रे ने बताया कि महिला नक्सली पदाम सोमे ने नक्सली संगठन से अलग होकर आत्मसमर्पण किया है.
इस आत्मसमर्पण के दौरान सुकमा के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में निरीक्षक अविलाश टंडन, डीआरजी प्रभारी और डीआईजी रेंज सुकमा उपनिरीक्षक निरंजन वराड उपस्थिति रहे. पदाम सोमे ने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है. इस आत्मसमर्पण में सुकमा सूचना शाखा की भी अहम भूमिका रही, जिन्होंने लगातार प्रोत्साहन देकर इस महिला नक्सली को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए तैयार किया.
पदाम सोमे के आत्मसमर्पण के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. इसके तहत न केवल उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा, बल्कि उनकी पुनर्वास प्रक्रिया को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे.