छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में शहीद सभी 7 जवानों का शव बरामद कर लिया गया है. जवानों के शव को जगदलपुर ले जाया जा रहा है. मुख्यमंत्री रमन सिंह भी जगदलपुर पहुंच रहे हैं.
इससे पहले खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तीन शहीद जवानों के शव को निकालने में समस्या आ रही थी. जानकारी के मुताबिक, सुकमा जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिड़मेल गांव के जंगल में शनिवार को नक्सली हमले में शहीद सात पुलिस कर्मियों के शवों को निकालने की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है.
इससे पहले, शनिवार को घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस दल ने सभी घायल जवानों को वहां से निकाल लिया था, लेकिन क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा भारी गोलीबारी के कारण शवों को नहीं निकाला जा सका है. क्षेत्र में सुरक्षा बलों को पैदल घटनास्थल पहुंचना है और मौसम खराब है इसलिए कार्रवाई में देरी हो रही थी.
दूसरी ओर, राज्य के अन्य पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और वहां पहुंचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. अक्सर ऐसी घटनाओं के बाद नक्सली पुलिस दल को अपनी जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं. ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को सतर्क रहना होता है.
रायपुर और जगदलपुर में में भर्ती हैं घायल जवान
गौरतलब है कि शनिवार को सुकमा जिले में नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले में एसटीएफ के प्लाटून कमांडर शंकर राव, प्रधान आरक्षक रोहित सोरी, प्रधान आरक्षक मनोज बघेल, प्रधान आरक्षक मोहन उइके, आरक्षक राजकुमार मरकाम, आरक्षक किरण देशमुख और आरक्षक राजमन नेताम शहीद हो गए, जबकि 10 अन्य पुलिसकर्मी घायल हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से सात पुलिस कर्मियों को रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि तीन पुलिस कर्मियों का इलाज जगदलपुर में किया जा है.
अधिकारियों के मुताबिक लगभग तीन सौ की संख्या में नक्सलियों के मिलिट्री कंपनी ने पुलिस दल पर हमला किया था और एसटीएफ के जवानों को घेर लिया था. लगभग दो घंटे तक मुठभेड़ के बाद पुलिस दल घायल जवानों को बाहर निकालने में कामयाब रहे. एसटीएफ के 70 जवान इस अभियान में थे.