गृहमंत्री राजनाथ सिंह रायपुर पहुंचे, उन्होंने सुकमा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे. राजनाथ के साथ गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर भी मौजूद रहे. सीएम रमन सिंह के साथ बैठक के बाद राजनाथ ने कहा कि सुकमा में हमला करना नक्सिलयों की कायराना हरकत को दर्शाता है.
राजनाथ बोले- ये एक सोची समझी हत्या
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुकमा में जो हमला किया गया है वह बेहद कायरतापूर्ण है, आदिवासियों को अपनी ढाल बनाकर विकास के खिलाफ जो अभियान छेड़ा जा रहा है इसमें नक्सली कभी कामयाब नहीं होंगे. केंद्र और राज्य साथ मिलकर इसपर कार्रवाई करेंगे. राजनाथ बोले कि हम अपने जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जानें देंगे, इसे हमनें चुनौती के रूप में स्वीकार किया है. यह एक सोची समझी हत्या है. राजनाथ ने कहा कि नक्सली नहीं चाहते हैं कि आदिवासी क्षेत्र का विकास हो. राजनाथ ने कहा कि हमारे 25 जवान शहीद हुए हैं हम उनके प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी रणनीति को सभी के सामने नहीं बता सकते हैं. हम अपनी रणनीति पर काम करेंगे और दोबारा से नई रणनीति बनाएंगे. राजनाथ ने कहा कि पिछले काफी समय से राज्य और केंद्र से मिलकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया है, जिससे नक्सलियों के हौसले पस्त हैं.
8 मई को होगी बैठक
अगर यहां पर अधिक अफसरों की पोस्टिंग करनी होगी तो की जाएगी. राजनाथ ने कहा कि 8 मई को इस मुद्दे पर हाईलेवर बैठक होगी, जिसमें नई रणनीति पर चर्चा होगी. राजनाथ ने कहा कि हमें सीआरपीएफ के नेतृत्व पर कोई शक नहीं है.
रमन सिंह बोले कि यह घटना निंदनीय है, इस घटना की निंदा पीएम और गृहमंत्री ने की है. रमन सिंह बोले कि इलाके में जो भी काम चल रहा है, उससे नक्सलियों में बौखलाहट है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि एक रणनीति के साथ इसके खिलाफ एक्शन लिया जाए.
आपको बता दें कि अभी भी सीआरपीएफ के कंपनी कमांडर समेत 6 जवान लापता हैं. हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत देश की सभी बड़ी हस्तियों और लोगों ने दुख जताया. मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें फख्र है, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा
हमले के बाद सभी शहीद जवानों की तस्वीर भी सामने आई है. देखें कौन थे वो जाबांज -
कब और कैसे हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ के ये जवान सोमवार सुबह 8.30 बजे गश्त पर निकले थे. जवान अपने कैंप दुर्गपाल से रोड ओपनिंग पार्टी के तौर पर निकले. दुर्गपाल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर चिंतागुफा के पास दो हिस्सों बंट गए. जवानों की संख्या 99 थी. जवानों के दोनों दस्ते करीब 500 मीटर ही आगे बढ़े थे कि उन पर हमला हो गया. घात लगाकर बैठे करीब 300 नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के पास AK-47 जैसे हथियार थे. जानकारी ये भी है कि इन नक्सलियों के साथ महिला फाइटर भी थीं. नक्सलियों ने 12 मार्च को CRPF पर हमले के दौरान लूटे गए हथियारों का भी इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए IED ब्लास्ट भी किया.
सीआरपीएफ ने चलाया कॉम्बिंग आपरेशन
आपको बता दें कि हमले के बाद सीआरपीएफ एक्शन में है, और उन्होंने चिंतागुफा इलाके के पास नक्सलियों के खिलाफ कॉम्बिंग आपरेशन भी चलाया है.
पीएम नरेंद्र मोदी का ट्वीट
"छत्तीसगढ़ में हुआ हमला दुखद और कायराना हरकत है. हम हालात पर नजर रख रहे हैं. सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें फख्र है. उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. शहीद जवानों के परिवारों के लिए मैं संवेदना जाहिर करता हूं."
We are proud of the valour of our @crpfindia personnel. The sacrifice of the martyrs will not go in vain. Condolences to their families.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2017
सरकार की आपात बैठक, सीएम ने रद्द किया दिल्ली दौरा
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हमले के बाद अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों की आपात बैठक भी बुलाई है. वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने भी हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई.
बताया जा रहा है कि करीब 150 नक्सलियों के समूह ने सीआरपीएफ की टीम पर अटैक किया. ये नक्सली 50-50 के तीन हिस्सों में यहां पहुंचे थे. नक्सली ग्रामीणो के हुलिया में थे.