मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फैसला ले लिया है. राजस्थान की कमान अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश की कमान कमलनाथ को मिली है. अब सभी की नजरें छत्तीसगढ़ पर हैं, सूत्रों की मानें तो ताम्रध्वज साहू (Tamradhwaj Sahu) मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. उनके अलावा भूपेश बघेल, टीएस सिंघदेव के नाम भी रेस में हैं.
रेस में सबसे आगे क्यों साहू?
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद ताम्रध्वज साहू छत्तीसगढ़ में अपना गढ़ बचा पाए थे. दुर्ग लोकसभा से ताम्रध्वज साहू सांसद चुने गए थे और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से इकलौते सांसद चुने गए. ताम्रध्वज को उनके सरल स्वभाव और अनुभव का फायदा मिला है.
ओबीसी वोट पाने में बड़ी अहमियत
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अनुभवी नेताओं को मौका देने के बाद छत्तीसगढ़ में भी अनुभव को तवज्जो मिलती दिख रही है. ताम्रध्वज साहू राज्य में चुनाव के दौरान ओबीसी वोट पाने में कामयाब रहे. छत्तीसगढ़ में साहू समाज काफी अधिक मात्रा में हैं, ऐसे में उनका नाम नजरअंदाज करना इतना आसान नहीं है. साफ है कि जातिगत समीकरण को साधते हुए और 2019 को ध्यान में रखते हुए ताम्रध्वज साहू कांग्रेस के लिए सबसे सटीक च्वाइस होंगे.
दुर्ग से सांसद रहे साहू ने इस विधानसभा चुनाव में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. उनके कंधों पर अभी तक OBC-SC-ST वोट लाने की जिम्मेदारी थी. वह प्रदेश कांग्रेस के ओबीसी यूनिट के प्रमुख भी हैं.
और कौन हैं रेस में...
बता दें कि ताम्रध्वज साहू के अलावा भी छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनने की रेस में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और चरणदास महंत जैसे नेता भी चल रहे हैं.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर कांग्रेस की लहर देखने को मिली. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 68, भारतीय जनता पार्टी को 15 और बसपा को दो सीटें मिली हैं.