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बंदरों के आतंक से 10 लोग हुए घायल, महिला के पैर काटने की आई नौबत

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बंदरों के आतंक से लोग डरे हुए हैं. तीन बंदरों ने मिलकर 10 लोगों को अपना शिकार बनाया है जिसमें एक महिला की हालत गंभीर है. डॉक्टरों को आशंका है कि अगर उसे सही इलाज नहीं मिला तो उसके पैर काटने की नौबत भी आ सकती है.

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बंदरों ने मचाया आतंक
बंदरों ने मचाया आतंक

छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में लोग इन दिनों बंदर के आतंक से परेशान हैं. शहर में तीन बंदर इतने उत्पाती हो गए थे कि वो इंसानों पर हमला करके उन्हें बुरी तरह घायल कर रहे थे. करीब 10 लोग इन बंदरों का अब तक शिकार बन चुके थे. 

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किसी को मोहल्ले में अचानक बंदर ने काटा तो किसी पर घर में बंदर का हमला हुआ. ओडिशा से आई एक 55 साल की महिला के पैर को बंदर ने बुरी तरह काट दिया जिसके बाद उसे दुर्ग के अस्पताल से रायपुर रेफर करना पड़ा.

बंदर ने उस महिला के पैर से मांस नोच लिया था. घायल महिला का नाम अहिल्या कख है जो अपनी बेटी सुजाता सोनी के घर दुर्ग आई थी. सुजाता ने बताया कि उसकी मां सुबह 8 बजे पास की दुकान में दूध लेने गई थी वहीं अचानक बंदर आया और महिला के पैर को बुरी तरह काटकर फरार हो गया.

बंदर के हमले से महिला वहीं गिर गई. आसपास के लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया.  डाक्टरों ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए आशंका जताई कि अगर जल्द सही इलाज नहीं मिला तो महिला के पैर भी काटने पड़ सकते हैं.

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वहीं बंदरों के आतंक को देखते हुए दुर्ग के डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि तीनों बंदर नर हैं. बंदरों के झुंड ने उन्हें खुद से अलग कर दिया था जिसके बाद वो हिंसक हो गए.

उन्होंने कहा, कसारीडीह क्षेत्र में कुछ लड़कों ने बंदरों को पत्थरों से मारा और काफी परेशान किया, इसके बाद वह इतने हिंसक हो गए कि लोगों पर हमला शुरू कर दिया. बाद में वन विभाग, राजनांदगांव और रायपुर से आई विशेष टीम ने तीनों बंदरों का पकड़ा. बंदरों को पकड़ने में स्नेक रेस्क्यू करने वाले राजा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
 

 

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