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छत्तीसगढ़ ऑडियो टेप मामले में EC ने दिए जांच के निर्देश

एक साल पहले छत्तीसगढ़ उपचुनावों  में कांग्रेस उम्मीदवार ने ऐन वक्त पर अपनी उम्मीदवारी वापस लेकर सभी को चौंका दिया था. इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ ऐसी ऑडियो टेप मिलने का दावा किया है, जिससे माना जा रहा है कि बीजेपी ने ही कांग्रेस उम्मीदवार को लालच देकर उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा था.

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उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस की फिक्सिंग की टेप आईं सामने
उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस की फिक्सिंग की टेप आईं सामने

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छत्तीसगढ़ में एक साल पहले हुए उप-विधानसभा चुनावों में उस वक्त बीजेपी ने जीत हासिल की थी जब कांग्रेस के उम्मीदवार ने ऐन मौके पर अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत की कई टेप सामने आई हैं, जिनसे आशंका जताई जा रही है कि अपना नाम वापस लेने के लिए पैसों का लेनदेन किया गया था.

शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर 2014 में अंतागढ़ में हुए उपचुनाव की जांच के आदेश दिए हैं. आयोग ने इस मामले में 7 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के हाथ कई फोन टेप लगी हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता बीच हुई बातचीत के अलावा कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार (नाम वापस लेने वाले उम्मीदवार) और जोगी के पुराने वफादार फिरोज सिद्दिकी की बातचीत की फोन रिकॉर्डिंग है.  अब बीजेपी में आ चुके पवार और सिद्दिकी के बीच बातचीत, सिद्दिकी और जोगी के एक और वफादार अमीन मेमन की बात, अमित जोगी और सिद्दिकी के बीच हुई बातचीत की भी टेप हैं.

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इनमें से ज्यादातर बातचीत अगस्त 2014 में हुए वोटिंग के दिन की है.

कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और मौजूदा मुख्यमंत्री रमन सिंह का इस्तीफा मांगा है.

कांग्रेस ने अमित जोगी और अजीत जोगी से मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और रिकॉर्डिड बातचीत पर अजीत जोगी से जानकारियां मांगी हैं. दोनों को सात दिनों के अंदर कमेटी को अपना जवाब भेजना है.

कांग्रेस ने लगाया था आरोप
मंतूराम के उम्मीदवारी वापस लेने के तुरंत बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनके उम्मीदवार को खरीद लिया है. इसके अलावा कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि चुनाव रद्द किए जाएं.

दो नेताओं ने स्वीकारी अपनी आवाज
इस मामले के सामने आने के बाद दो लोगों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि टेप में आवाज उन्हीं की है. जोगी के पुराने वफादार फिरोज सिद्दिकी ने भी माना है कि रिकॉर्डिंग में उन्हीं की आवाज सुनाई दे रही है. उन्होंने कहा, 'हां, ये आवाज मेरी है. ये बातचीत अंतागढ़ उप-चुनाव से पहले की है. मैंने अमित जोगी, अमीन मेनन और मंतूराम पवार से बात की थी. चुनाव मैनेज करने और पवार की उम्मीदवारी वापसी सुनिश्चित करने की योजना थी. उन्होंने आखिरी तारीख से एक दिन पहले अपना नाम वापस ले लिया था. मैं जोगी परिवार के लिए काम कर रहा था. मैं रायपुर से ऑपरेट कर रहा था. अमीन मेमन का काम मंतूराम पवार और मध्यस्थ को मैनेज करने का था. वो कंकेर से काम कर रहा था. चुनाव से दो दिन पहले प्लान पर काम शुरू हुआ. मंतूराम के साथ नाम वापस लेने के एवज में डील की गई. अमित ने भी कई वादे किए. पवार के नाम वापस लेने के बाद जोगी के परिवार ने मुझे 3.5 करोड़ रुपये दिए. मैंने इस रकम को अमीन मेमन को दे दिया.'

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मंतूराम ने माना, उनकी है आवाज
ऐन वक्त पर अपनी उम्मीदवारी वापस लेने वाले मंतूराम ने भी मान लिया है कि टेप रिकॉर्डिंग में आवाज उन्हीं की है. हालांकि पवार का कहना है कि उम्मीदवारी वापस लेने के लिए उन्हें किसी ने नहीं कहा था बल्कि ये फैसला उनका अपना था. उन्होंने कहा, 'किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया और न ही किसी ने मुझपर दबाव बनाया. उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला मेरा था. वो नियमित बातचीत थी. मैं सिद्दिकी से फोन पर कहा कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है क्योंकि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था.'

जोगी ने दी केस करने की धमकी
टेप के सामने आने से बौखलाए अमित जोगी ने कहा है कि वो इस खबर को छापने के लिए पब्लिकेशन और पत्रकार के खिलाफ केस करेंगे.

बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
बीजेपी नेता श्रीचंद सुंद्रानी ने कहा कि बीजेपी और मुख्यमंत्री का इन ऑडियो टेप से कोई लेना-देना नहीं है. ये कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का मामला है.

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