छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान से पहले अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ हुई है. सुरक्षाकर्मियों ने मंगलवार को कांकेर जिले में कुछ वरिष्ठ कैडरों सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया है. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है जब किसी मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं.
सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन में टॉप नक्सली कमांडर शंकर राव भी हुआ ढेर हो गया है जिस पर 25 लाख का इनाम था. 2024 की शुरुआत के बाद से, माओवादियों के गढ़ बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नक्सली मारे गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि भीषण मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए और मौके से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग है, ने मुठभेड़ को बड़ी सफलता बताते हुए इसे "सर्जिकल स्ट्राइक" बताया और कहा कि इसका निश्चित श्रेय बहादुर सुरक्षा कर्मियों को जाता है.
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, "ऑपरेशन में मारे गए सभी नक्सली कट्टर नक्सली थे. उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. उनका पोस्टमॉर्टम चल रहा है. इसमें समय लग सकता है... सरकार बातचीत और चर्चा के लिए तैयार है क्योंकि हम किसी भी कीमत पर बस्तर में शांति चाहते हैं. इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.हम चाहते हैं कि विकास कार्य बस्तर तक पहुंचें. कल मैं घायल जवानों से मिला और वे खतरे से बाहर हैं. जल्द ही वे ठीक हो जायेंगे.'
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आईजी ने बताया कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज ने बताया कि सुरक्षाबलों को माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिवीजन के नक्सली शंकर, ललिता, राजू समेत अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. सूचना के बाद छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के संयुक्त दल को गश्ती के लिए रवाना किया था. दोपहर लगभग दो बजे हापाटोला गांव के जंगल में था तब नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर दी.
इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की.सुंदरराज ने कहा कि यह ऑपरेशन प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के उत्तरी बस्तर डिवीजन के वरिष्ठ कैडरों शंकर, ललिता, राजू और अन्य की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बताया कि इलाके में गश्त के दौरान दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलीबारी हुई. उन्होंने कहा, ''घटनास्थल से 29 माओवादियों के शव और एके-47, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए. नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को होगा, जबकि बस्तर क्षेत्र का हिस्सा कांकेर निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे चरण में मतदान 26 अप्रैल को होगा.
तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल
सुंदरराज ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है. उन्होंने कहा, "मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. उन्हें इलाज के लिए विमान से राज्य की राजधानी रायपुर ले जाया जा रहा है. मारे गए नक्सलियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उनमें सीपीआई (माओवादी) के उत्तरी बस्तर डिवीजन के वरिष्ठ कैडर भी शामिल थे.
गृह मंत्रालय (एमएचए) के सूत्रों ने कहा कि गोलीबारी में तीन सुरक्षाकर्मी - दो बीएसएफ निरीक्षक और एक डीआरजी जवान घायल हो गए. सूत्रों ने पीटीआई को बताया, 'बिनागुंडा और आसपास के इलाकों में माओवादियों के आंदोलन के विभिन्न इनपुट के आधार पर 15 अप्रैल की देर शाम को ऑपरेशन शुरू किया गया था. सुरक्षाबलों को पांच इनपुट साझा किए थे, जिसमें बिनागुंडा क्षेत्र में माओवादियों की उत्तर बस्तर डिवीजन समिति की सटीक स्थिति बताने वाले दो इनपुट भी शामिल थे." माना जा रहा है कि मृतकों में माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिवीजन के डिवीजनल कमेटी के सदस्य शंकर और ललिता भी शामिल हैं.
इस साल मारे गए अभी तक 79 नक्सली
इस साल अब तक कांकेर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नक्सली मारे गए हैं. 2 अप्रैल को, 13 नक्सली मारे गए, जबकि 27 मार्च को बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 6 माओवादी मारे गए. मुठभेड़ को बस्तर पुलिस द्वारा नक्सलवाद पर "सर्जिकल स्ट्राइक" करार देते हुए, डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, "नक्सल विरोधी मोर्चे पर यह पहली बार था जब आमने-सामने की लड़ाई में सुरक्षा बल पूरी तरह से नक्सलियों पर हावी रहे और उन्हें संभलने का मौका नहीं दिया.” उन्होंने कहा, "हम (नक्सलियों के साथ) बातचीत चाहते हैं... चाहे वे इसे समूह में करें या प्रतिनिधियों के माध्यम से. बस्तर में शांति जरूरी है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं."
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डिप्टी सीएम बोले- सुरक्षाबलों को इसका श्रेय
डिप्टी सीएम ने बताया, "इस सफल ऑपरेशन का श्रेय सुरक्षा बलों को जाता है. यह सैनिकों की ताकत और साहस के कारण संभव हुआ है. हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में काम कर रहे हैं. मंगलवार के ऑपरेशन से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है.'
डिप्टी सीएम और गृह मंत्री ने कहा कि जब से 'डबल इंजन' सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा सत्ता में है) ने छत्तीसगढ़ में सत्ता संभाली है, तब से नक्सल विरोधी मोर्चे पर सकारात्मक चीजें हुई हैं. डिप्टी सीएम ने जोर देकर कहा कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने की रणनीति के तहत बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की मांद में नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं. चार महीनों में, सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में लगभग 80 नक्सली मारे गए हैं. शर्मा ने कहा कि बस्तर के लोगों को स्वच्छ पेयजल, बिजली और विकास का लाभ मिलना चाहिए.