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जिस पर सफाई की जिम्मेदारी वही गंदगी से परेशान, दी बंगला छोड़ने की धमकी

नगर निगम के अफसरों ने जानबूझ कर मेयर बंगले के पास ही कचरा डम्पिंग यार्ड बना दिया है. नतीजतन बदबू और गंदगी के चलते मेयर का अपने ही घर आना जाना दूभर हो गया है.

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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की मेयर किन्नर मधु बाई
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की मेयर किन्नर मधु बाई

बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों को हरा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की मेयर चुनी गईं थर्ड जेंडर मधु बाई बेहद चर्चा में आ गई थीं. लेकिन पूरे रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र की साफ-सफाई की जिम्मेदारी संभालने वाली मेयर मधु बाई खुद गंदगी से इतनी परेशान हो गई हैं कि उन्होंने अपना सरकारी बंगला तक छोड़ने की धमकी दे डाली है.

मेयर बनने के बाद मधु बाई और नगर निगम के अन्य अफसरों के बीच संबंध चंद दिनों तक तो ठीक रहे, लेकिन अब हालात यह हो गए हैं कि मधु बाई ने अपना सरकारी आवास छोड़ने का मन बना लिया है.

वास्तव में मेयर मधु बाई के सरकारी आवास के बाहर गंदगी का यह आलम है कि बदबू के मारे नाक बंद करनी पड़े. क्षेत्र के स्थानीय लोग भी सवाल उठाने लगे हैं कि क्या खुद मेयर इन हालात में इस बंगले में रह रही हैं?

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दरअसल नगर निगम के अफसरों ने जानबूझ कर मेयर बंगले के पास ही कचरा डम्पिंग यार्ड बना दिया है. यहां रोजाना शहर भर का कचरा इकठ्ठा होता है. लेकिन कई-कई दिनों तक इस डम्पिंग यार्ड से कचरा उठाया ही नहीं जाता. नतीजतन बदबू और गंदगी के चलते मेयर का अपने ही घर आना जाना दूभर हो गया है.

मेयर मधु बाई ने बंगले के पास ही डम्पिंग यार्ड बनाने का कोई औचित्य भी नजर नहीं आ रहा, खासकर तब जब शहर के बाहरी इलाके में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीने खाली पड़ी हैं.

मेयर मधु बाई का कहना है, "शहर के मुख्य मार्गों को छोड़कर कहीं भी साफ सफाई नहीं हो रही, जबकि हर माह 80 लाख रुपये केवल सफाई के नाम पर खर्च हो रहे हैं."

उन्होंने इसके लिए नगर निगम के कमिश्नर को जिम्मेदार ठहराया है. उधर कमिश्नर की दलील है कि वह मेयर के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते. उनके मुताबिक रोजाना सफाई होती है.

फिलहाल गंदगी से परेशान मेयर ने सफाई न होने की सूरत में अगले 48 घंटें में अपना सरकारी बंगला छोड़ने का अल्टिमेटम दे दिया है. देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन अपनी इस मेयर की नजरों में कितना खरा उतरता है.

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