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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, एक-एक लाख का दोनों पर था ईनाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक-एक लाख रुपये के दो ईनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. दोनों नक्सलियों ने कई हिंसाओं में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने आत्मसमर्पण के पीछे नक्सलियों की विचारधारा को 'अमानवीय' और 'खोखला' बताते हुए इसे छोड़ने का कारण बताया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार को दो इनामी नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये दोनों नक्सली कई नक्सली हिंसा की घटनाओं में शामिल थे और इन पर कुल 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान सुखराम फरसिक और पंद्रू फरसिक के रूप में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि सुकहराम प्रतिबंधित नक्सली संगठन के गंगालूर एरिया कमेटी का सदस्य था, जबकि पंद्रू बुर्जी क्रांतिकारी पार्टी कमेटी के तहत ‘जनताना सरकार’ प्रमुख के रूप में कार्यरत था.

पुलिस के अनुसार, दोनों नक्सलियों ने कई हिंसाओं में अहम भूमिका निभाई थी और दोनों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था. उन्होंने आत्मसमर्पण के पीछे माओवादी विचारधारा को 'अमानवीय' और 'खोखला' बताते हुए इसे छोड़ने का कारण बताया.

सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राज्य सरकार की पुनर्वास योजना 'नियाद नेल्लनार' से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटे हैं. इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी.

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गौरतलब है कि इस साल अब तक बीजापुर जिले में कुल 48 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. सरकार और सुरक्षा बलों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने और उग्रवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने में प्रभावी साबित हो रही हैं.


 

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