scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़: 65 साल के मालिक को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गए दो कुत्ते

छत्तीसगढ़ में तेंदुए के हमले से पालतू कुत्तों द्वारा बचाए जाने पर उसके मालिक ने कहा, मैं इस घटना को कभी नहीं भूलूंगा, मेरे कुत्तों की बहादुरी की वजह से मेरी जान बच गई.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छत्तीसगढ़ में किसान पर तेंदुए ने किया हमला
  • दो कुत्तों ने तेंदुए से लड़कर बचाई बुजुर्ग की जान

कुत्तों को ऐसे ही नहीं सबसे वफादार जानवर और इंसानों का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है. छत्तीसगढ़ के धमतरी में दो कुत्तों ने एक बार फिर यह साबित कर दिखाया है. दरअसल धमतरी के जंगल में एक तेंदुए ने बुजुर्ग पर हमला कर दिया जिसे बचाने के लिए उसके दोनों कुत्तों ने अपनी जान की बाजी लगा दी.

Advertisement

65 साल के शिवप्रसाद नेताम ने बताया कि जंगल में अचानक एक तेंदुए ने उनपर हमला कर दिया. उसके बाद उनके दो पालतू कुत्ते भुरू और काबरू आगे आ गए और तेंदुए पर अचानक भौंकने लगे. एक कुत्ता जहां भौंक कर उसे भगाने की कोशिश कर रहा था वहीं दूसरा कुत्ता तेंदुए से भिड़ गया जिससे वह भागने पर मजबूर हो गया.

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सोमवार को उस समय हुई जब मगरलोड प्रखंड के सिरकट्टा गांव निवासी नेताम अपने दो पालतू कुत्तों के साथ पास के जंगल में महुआ का फूल लेने गए थे. उन्होंने बताया कि तेंदुए के हमले में नेताम के सिर और पैर में चोटें आई हैं और उनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.

अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए बुजुर्ग ने कहा कि वह जमीन पर गिरे महुआ के फूलों को उठा रहे थे तभी पीछे से जंगली जानवर ने उन पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा, “जब मैं तेंदुए के पंजों से खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष कर रहा था, उसी वक्त मेरे पालतू कुत्ते अचानक मुझे बचाने के लिए कूद पड़े. दोनों कुत्तों ने एक साथ तेंदुए पर हमला किया और भौंकना जारी रखा, जिससे तेंदुआ जंगल में भाग गया."

Advertisement

तेंदुए के हमले से घायल नेताम अपने घर पहुंचने में कामयाब रहा, जिसके बाद परिजनों और पड़ोसियों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें इलाज के लिए धमतरी शहर के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन में पहली बार अपने गांव में तेंदुआ देखा. हम नहीं जानते कि वो कहां से आया. मैं इस घटना को कभी नहीं भूलूंगा. मैं लगभग मर चुका था लेकिन मेरे पालतू कुत्तों ने बहादुरी दिखाई और मेरी जान बच गई. किसान नेताम के मुताबिक पिछले तीन साल से वो दो कुत्तों को पालते हैं.

ये भी पढ़ें: 

 

Advertisement
Advertisement