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यूपी STF ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के एक और मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार

रायपुर कोर्ट से अनवर ढेबर को जमानत मिलते ही STF की लखनऊ यूनिट ने अरेस्ट कर लिया. कोर्ट से 48 घंटे की रिमांड मिलने पर यूपी STF अनवर ढेबर को लेकर रायपुर से मेरठ के लिए निकल गई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

यूपी STF ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है. रायपुर कोर्ट से अनवर ढेबर को जमानत मिलते ही STF की लखनऊ यूनिट ने अरेस्ट कर लिया. कोर्ट से 48 घंटे की रिमांड मिलने पर यूपी STF अनवर ढेबर को लेकर रायपुर से मेरठ के लिए निकल गई. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में अनवर ढेबर फर्जी होलोग्राम बनाने के मामले में प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधु गुप्ता के साथ मिलकर शराब की दुकानों पर शराब सप्लाई करता था. शराब माफिया अनवर ढेबर ने ही विधु गुप्ता से फर्जी होलोग्राम उसकी कंपनी में छपवाए थे. यूपी STF ने शराब घोटाले में आरोपी विधू गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया था.

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टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव आबकारी अरुण पति त्रिपाठी के निर्देशों पर होलोग्राम सप्लाई की जा रही थी. डुप्लीकेट होलोग्राम सीधे डिस्टलरीज को दिया जाता था, वहां से डिस्टलरीज होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपका कर छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के अधिकारियों के साथ मिलकर दुकानों पर अवैध शराब की सप्लाई की जा रही थी.

डिस्टलरियों के द्वारा इन होलोग्राम को अवैध शराब Unaccounted part B की सप्लाई करने वाले गैंग सिंडिकेट बनाकर सरकारी दुकानों पर साल 2019 से 2022 तक शराब की सप्लाई की थी. इन चार सालों तक हर महीने 400 ट्रक अवैध शराब छत्तीसगढ़ के जिलों में सप्लाई की गई थी.

ED ने जुलाई, 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले में केस दर्ज किया था. आरोपियों में निरंजन दास जो तत्कालीन आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़, अरुण पति त्रिपाठी विशेष सचिव आबकारी, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा सचिव इंडस्ट्रीज छत्तीसगढ़ और पीएचएसएफ कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का भी नाम शामिल था.

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क्या है ईडी का आरोप 
ED के अनुसार, 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई. आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे. ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से 'बड़ा कमीशन' कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया.

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