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एक लाख का फोन निकालने के लिए खाली किया डैम, अब फूड इंस्पेक्टर और SDO दोनों से वसूली

छत्तीसगढ़ के परालकोट जलाशय में मोबाइल ढूंढने के लिए लाखों लीटर पानी बर्बाद करना फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को काफी महंगा पड़ा है. नौकरी से निलंबित किए जाने के बाद उनसे इसकी कीमत भी वसूली जाएगी. इतना ही नहीं एसडीओ से भी अनुमति देने के लिए बर्बाद हुए पानी की कीमत सैलरी से ली जाएगी. कलेक्टर ने कार्रवाई की अनुशंसा की है.

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अधिकारी से की जाएगी वसूली
अधिकारी से की जाएगी वसूली

छत्तीसगढ़ के परालकोट जलाशय में मोबाइल गिरने के बाद लाखों लीटर पानी बर्बाद करने के मामले में अब अधिकारियों से इसकी पूरी कीमत वसूली जाएगी. फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास के साथ ही SDO आर.एल. धीवर से भी बर्बाद किए गए पानी की कीमत ली जाएगी.

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हालांकि एसडीओ ने इसका पूरा ठीकरा फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास पर फोड़ दिया लेकिन अब जल संसाधन विभाग की तरफ से आर. एल. धीवर से बर्बाद हुए पानी की कीमत वसूली जाएगी.

फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास पर अपने महंगे फोन को ढूंढने के लिए डैम के बड़े जलाशय से 21 लाख लीटर पानी बर्बाद करने का आरोप है. दरअसल 21 से 25 मई तक कांकेर जिले के कोइलीबेड़ा ब्लॉक के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास खेरकट्टा बांध के पास छुट्टी मनाने गये थे.

वहीं सेल्फी लेते वक्त उनका 1 लाख रुपये का स्मार्टफोन बांध के वेस्ट वियर के स्टेलिंग बेसिन में गिर गया, जिसमें 15 फीट गहरा पानी था. स्थानीय लोगों ने फोन खोजने की कोशिश की, लेकिन जब प्रयास विफल रहा तो अधिकारी ने 30 एचपी के दो डीजल पंप से तीन दिनों तक लगातार पानी निकलवाया. तीन दिनों में  4104 क्यूबिक पानी खाली कर दिया गया जिससे 1,700 एकड़ खेत की सिंचाई की जा सकती थी.

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इसके लेकर कहा गया कि उन्हें  जल संसाधन विभाग के अधिकारी  आर. एल. धीवर  ने इसकी मौखिक अनुमति दी थी. लेकिन विवाद बढ़ने के बाद अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई इजाजत नहीं दी थी. धीवर ने कहा कि जब उन्हें फूड इंस्पेक्टर द्वारा पंप से पानी निकाले जाने की जानकारी हुई तो उन्होंने ही जाकर इसे रुकवाया.

26 मई को कलेक्टर ने जारी किया था नोटिस

इस मामले में 26 मई को जारी कलेक्टर के नोटिस के बदले आर एल धीवर ने जवाब दिया. हालांकि जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद कांकेर कलेक्टर  प्रियंका शुक्ला ने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर  एसडीओ  आर. एल. धीवर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की है.

फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास द्वारा मोबाइल के लिए जलाशय से पानी बर्बाद करने का मामला सामने आने के बाद उन्हें भी पद से निलंबित कर दिया गया था. कांकेर कलेक्टर ने जो एसडीओ को नोटिस दिया था उसमें कहा गया था कि उनकी जानकारी में राजेश ने डैम से पानी खाली कराया और मौखिक आदेश एसडीओ ने भी दिया था.

हालांकि एसडीओ ने बाद में इससे इनकार कर दिया और कहा कि राजेश विश्वास के द्वारा अपनी मर्जी से जबरन डीजल पंप लगाकर पानी व्यर्थ बहाने की मुझे कोई जानकारी नहीं थी. 

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एसडीओ  आर.एल. धीवर को वसूली का नोटिस 

आर.एल. धीवर को इंद्रावती परियोजना मंडल जगदलपुर के सरकारी इंजीनियर ने भी नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि आपके मौखिक निर्देशानुसार पानी की गहराई 5 फीट कम करने के संबंध में बिना उच्चाधिकारियों को जानकारी दिए अपने स्तर से अनुमति प्रदान की गई.

अनुमति के बाद पानी कम करने के लिये 30 एच.पी. के दो बड़े डीजल पंप लगाकर 4 दिन तक 21 लाख लीटर पानी को बर्बाद कर दिया गया. 21 लाख लीटर व्यर्थ बहा दिए गए पानी की राजस्व की वसूली क्यों ना आपके वेतन से की जाए. व्यर्थ में पानी बहाना दण्डनीय अपराध है. इस संबंध में तीन दिन में अपना स्पष्टीकरण दे अन्यथा की गई कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होगें.

10 दिन के अंदर फूड इंस्पेक्टर को देना होगा 53092 रुपये

परालकोट जलाशय  में पानी खाली कराने के मामले में  जल संसाधन विभाग ने फूड इंस्पेक्टर से वसूली करने नोटिस जारी कर दिया है. आरोपी अधिकारी को 10 दिनों में राशि जमा करने को कहा गया है. 10.50 रुपये प्रति घन मीटर की दर से 41092 क्यूबिक पानी की कुल कीमत 53092 रुपये तय की गई है जो उन्हें 10 दिनों के भीतर देना होगा.

 

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