दिल्ली के एमसीडी चुनाव में 106 साल की महिला मतदाता ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. बुजुर्ग महिला अपने परिजनों के साथ बड़ा हिंदूराव के मतदान केंद्र पहुंची थी. इस उम्रदराज मतदाता का बूथ पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने भी सहयोग किया और सहारा देकर पोलिंग बूथ तक ले गईं.
सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली के हजारों बुजुर्ग वोटर्स में भी भारी उत्साह नजर आया. सुबह-सुबह ही 95 साल के गोपीचंद ने सिविल लाइंस इलाके के उस पोलिंग बूथ पर पहुंचकर मतदान किया, जहां सीएम अरविंद केजरीवाल को भी वोट डालना है. वहीं, 85 साल के छोटूराम ने मटियाला विलेज के पोलिंग बूथ पहुंचकर मतदान किया. 80 साल के हाजी अजीज ने भी अपने मताधिकार का उपयोग किया.
राउज एवेन्यू इलाके के पोलिंग बूथ पर भी मतदाताओं की कतार देखने को मिली. एवेन्यू में दिव्यांग मतदाता जोजो मैथ्यू ने सबसे पहले यहां पर मतदान किया.
सर्दी के बावजूद कई मतदान केंद्रों पर वरिष्ठ नागरिक सुबह-सुबह ही मतदान करने पहुंचे. सिविल लाइंस के पोलिंग बूथ पर वरिष्ठ नागरिकों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
आम चुनाव को लेकर दिल्ली के वोटर्स की सजगता देखने को मिल रही है. ऐसे ही एक पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर पर होने के बावजूद व्यक्ति मतदाता वोट डालने पहुंचे, इस दौरान उनकी पत्नी भी साथ रहीं.
दिल्ली में अब तक 272 वार्ड थे और तीन नगर निगम - NDMC, SDMC और EDMC थे. बीते मई महीने में तीनों निगमों का एकीकरण हो गया, जिसके बाद दिल्ली में अब एक ही मेयर का चुनाव होगा. इसके साथ ही वार्डों की संख्या 272 से कम होकर 250 कर दी गई है. MCD की स्थापना 1958 में हुई थी और दुनिया के सबसे बड़े निगमों में शामिल दिल्ली को साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान तीन भागों में बांट दिया गया था.