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दिल्ली

एक टैटू ने बदल दी रेप की कहानी, आरोपी को मिल गई जमानत

टैटू ने बदल दी रेप की कहानी
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दिल्ली में रेप के आरोपी को एक टैटू ने बड़ी राहत दी है. ये टैटू रेप पीड़िता के हाथ पर बना हुआ था. आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में जो दलील दी, उसके बाद जस्टिस ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. (All Photos:File)

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दरअसल, ​दिल्ली हाईकोर्ट में रेप के मामले में सुनवाई के दौरान आरोपी की मदद एक टैटू ने की. सुनवाई के दौरान आरोपी युवक की दलील से जस्टिस रजनीश भटनागर इस कदर संतुष्ट हुए कि आरोपी को जमानत पर जेल से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया. वो भी 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम के जमानती पेश करने की शर्त पर.

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ये है मामला: दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक आरोपी युवक संजय 2016 से 2019 तक पीड़िता को ब्लैकमेल कर रेप करता रहा. पीड़िता की शिकायत के बाद पिछले साल जून में संजय को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद से वह जेल में बंद था. 

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दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरों को मोबाइल फोन में सेव कर रखने और उसे वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने का आरोप सरासर गलत है, क्योंकि जो कुछ भी हुआ वो दोनों की सहमति से हुआ.

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अगर कोर्ट को इस दलील पर यकीन ना हो तो पीड़िता की बाजू पर देख ले. वहां उसका नाम का परमानेंट टैटू बना हुआ है. ये टैटू उसकी प्रेम कहानी को बयां करता है. पीड़िता ने खुद ही टैटू बनवाया और ईमेल के जरिए उसके पास भी भेजा. इसके बाद कोर्ट ने पड़ताल करने को कहा तो दलील सच निकली. इस पर पीड़िता बोली कि टैटू जबरन बनवाया गया. 

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जस्टिस भटनागर ने अपने आदेश में लिखा है कि टैटू बनाना कला है. इतना सही टैटू दबाव में या विरोध करते हुए नहीं बनाया जा सकता है. विशिष्ट उपकरण से विशिष्ट परिस्थितियों में आराम से बनवाया गया परफेक्ट टैटू है. पीड़िता की दलील थी कि उसे एक घर में नजरबंद करके रखा गया था, लेकिन मकान मालिक ने बताया कि युवती ने ये कहकर कमरा किराए पर लिया था कि वो अकेली रहेगी.

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कोर्ट के आदेश पर आरोपी का मोबाइल खंगाला गया, लेकिन ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिली, ना ही पीड़िता को भेजा गया कोई धमकी वाला संदेश मिला. अदालत ने ये भी साफ कर दिया कि इस आदेश और उसमें दर्ज टिप्पणी का मामले में तथ्यात्मक सबूत और मेरिट पर नियमित सुनवाई के दौरान कोई असर नहीं पड़ेगा.

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