साउथ दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के एक घर से छुड़ाई गई नाबालिग नौकरानी ने पुलिस को दिए बयान में कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जिन्हें सुनकर इंसानियत भी शर्मा जाएगी. लड़की ने बताया है कि उसे पेशाब पीने और टॉयलेट में सोने के लिए मजबूर किया जाता था.
मां को झारखंड से ले आई पुलिस
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'हमने पीड़िता का बयान सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत दर्ज कर लिया है'. पुलिस लड़की की मां को झारखंड से दिल्ली ले आई है. पुलिस ने बताया कि पीड़िता की मां ने दावा किया है कि उसकी बेटी को गर्म बर्तन, चेन और चाकू से मारा जाता था.
आरोपी महिला वंदना धीर को घटना सामने आने के अगले ही दिन 1 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था.
प्लेसमेंट एजेंट भी गिरफ्तार
लड़की अब भी सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत पहले से बेहतर है. शुक्रवार को पुलिस ने उस प्लेसमेंट एजेंट दोरोथी को भी गिरफ्तार कर लिया जिसने पीड़िता वंदना धीर और उसकी मां के पास काम करने भेजा था. कोर्ट ने दोरोथी को 15 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बताया जाता है कि दोरोथी ही पीड़िता को झारखंड से दिल्ली लेकर आया था. पीड़िता को हर महीने 4000 रुपये देने का वादा किया गया था, पर उसे कोई पैसा नहीं दिया गया.
एनजीओ की मदद से छुड़ाई गई थी लड़की
30 सितंबर को पीड़ित को अर्धनग्न हालत में एक फ्लैट से छुड़ाया गया था. दरअसल दिल्ली के एक एनजीओ को खबर मिली थी कि इस घर के अंदर एक नौकरानी के साथ बेहद बुरा सलूक किया जाता है. एनजीओ ने महिला आयोग से शिकायत की. फिर महिला आयोग ने पुलिस की मदद से इस नाबालिग लड़की को रिहा कराया. उस वक्त लड़की के सिर और हाथ पर चाकू के जख्म थे. उसके सिर पर एक गहरा घाव भी था.