दिल्ली पुलिस के खिलाफ अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने तेवर और सख्त कर लिए हैं. पुलिस ने उनसे अपना धरना जंतर-मंतर पर शिफ्ट करने की अपील की, लेकिन केजरीवाल तैयार नहीं हैं. उन्होंने दो-टूक जवाब देते हुए कहा कि शिंदे तय नहीं करेंगे कि मैं कहां बैठूंगा.
उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं. मैं तय करूंगा कि मुझे कहां बैठना है, शिंदे कौन होते हैं तय करने वाले. बल्कि मैं यह तय कर सकता हूं कि शिंदे कहां रहेंगे.'
केजरीवाल ने कहा कि वह तय कर चुके हैं कि वह यहीं से आंदोलन भी चलाएंगे और सरकार भी. सोमवार को भी उन्होंने कई फाइलों का निपटारा रेल भवन पर बैठे बैठे ही कर दिया.
आज तक से बातचीत में केजरीवाल ने कहा, 'राजपथ पर बैठकर झांकियां देखने से गणतंत्र नहीं चलता. गणतंत्र का मतलब क्या होता है. यही तो गणतंत्र है. उस लड़की को जला दिया गया. उसके पिता शिकायत करने गए तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की.ये जो नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक है, पूरा देश इनके बीच में ब्लॉक होकर रह गया है. लेकिन अब एसी कमरों से नहीं, सड़क से ही जनतंत्र चलेगा.'
केजरीवाल के रवैये से उनके विरोधी आगबबूले हो उठे हैं. बीजेपी ने तो उनकी तुलना माओवादियों से कर डाली है. बीजेपी प्रवक्ता प्राकेश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि AAP और कांग्रेस मिलकर अराजकता फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, 'केजरीवाल ने 26 जनवरी के समारोह पर जो कुछ कहा, वह लोकतंत्र और देश के सैनिकों का अपमान है. वे सिर्फ ड्रामा करके लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं.'
अरविंद केजरीवाल पर कांग्रेस की ओर से भी बराबर हमले हो रहे हैं. पार्टी नेता पीएल पुनिया ने कहा कि शिंदे दलित हैं इसलिए केजरीवाल उन्हें टारगेट कर रहे हैं.
दिग्विजय ने आरोप लगाया, 'केजरीवाल कभी लॉ एंड ऑर्डर के बारे में नहीं सोचते हैं. मुझे उनकी भाषा से कोई आश्चर्य नहीं हुआ. मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के समय जो पैसा इकट्ठा हुआ था, वह कहां है.' उन्होंने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा, 'न खाता न बही, जो केजरीवाल कहे वही सही.'
इतना ही नहीं, उनके बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रही है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए उन्होंने धरना शुरू कर दिया है.
अरविंद केजरीवाल के धरने के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है. इस पर 24 जनवरी को सुनवाई होगी.