दिल्ली में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में मच्छर से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए एमसीडी ने भी कमर कस ली है. दिल्ली की नॉर्थ एमसीडी डेंगू और मच्छरों के लार्वा को खाने वाली गम्बूजिया मछली लेकर आई है. बुधवार को 10,000 मछलियों को दिल्ली के अलग अलग जलाशयों में छोड़ा गया है.
नॉर्थ एमसीडी ने इसके लिए तकरीबन 100 से ज्यादा ऐसी जगहों की लिस्ट बनाई है जहां पर इन मछलियों की ब्रीडिंग की जाएगी. नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयप्रकाश के ने कहा कि, अगले 2 दिन में नॉर्थ एमसीडी के पास सभी मछलियां आ जाएंगी. हमने 75 ऐसी जगहों का चुनाव कर लिया है जहां पर हमें इन मछलियों को छोड़ना है. इसमें नॉर्थ एमसीडी में आने वाली सभी वॉटर बॉडीज, हॉस्पिटल, स्कूल, सभी फव्वारे और झरने शामिल होंगे.
हालांकि नॉर्थ एमसीडी ने इन मछलियों को खरीदने के लिए कितना पैसा खर्च किया इस बात की जानकारी अभी नहीं दी गई है. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बेहद कम खर्चे में एमसीडी ने इन मछलियों को खरीदा है. इसके साथ ही इस बात का भी जिक्र किया गया कि मछलियां खरीदने के लिए बस एक बार ही पैसा दिया गया है और इसे बेहद कम लागत में रखा जा सकता है.
कैसी होती है गम्बूजिया मछली ?
दरअसल मॉस्किटो फिश जिसका असली नाम गम्बूजिया है, बेहद छोटी मछली होती है. इसकी लंबाई ढाई इंच तक होती है. इसका लाइफ स्पैन 15 महीने तक होता है. तकरीबन डेढ़ महीने में यह मछली 40 से 100 अंडे तक देती है. एक मछली अपनी पूरी जिंदगी में तीन से चार बार अंडे दे सकती है.
खास बात यह है कि मछली साफ पानी से लेकर गंदे पानी तक और लगभग किसी भी तापमान में जिंदा रह सकती है. मछली पानी की उपरी सतह पर रहती है इसलिए मच्छरों का लावा अच्छी तरह खा जाती है. सामान्यता एक स्वस्थ मछली प्रतिदिन तकरीबन 60-100 लार्वा तक खा जाती है.