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गुड़गांव के एक मॉल में बने पब में 100 से ज्यादा बच्चे शराब पीते और नशा करते पकड़े गए

गुड़गांव के डीटी सिटी सेंटर में बने 'बज इन बार' में करीब 100 टीनएजर्स को पुलिस ने नशा करते हुए पकड़ा. फेसबुक के जरिए सेक्स एंड स्मोक नाम से इस पार्टी का आयोजन किया गया था. पार्टी में धूम्रपान करने के लिए फ्लेवर्ड हुक्के का भी इस्तेमाल हुआ.

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पब में पुलिस का छापा
पब में पुलिस का छापा

गुड़गांव के डीटी सिटी सेंटर में बने 'बज इन बार' में करीब 100 टीनएजर्स को पुलिस ने नशा करते हुए पकड़ा. फेसबुक के जरिए सेक्स एंड स्मोक नाम से इस पार्टी का आयोजन किया गया था. पार्टी में धूम्रपान करने के लिए फ्लेवर्ड हुक्के का भी इस्तेमाल हुआ.

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आबकारी अधिनियम के अनुसार 25 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को शराब परोसना गैरकानूनी है. गुड़गांव में पहले से ही फ्लेवर्ड हुक्का इस्तेमाल करने पर पाबंदी है. वहीं इस मामले में पुलिस ने पब के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया. गैरकानूनी तरीके से फ्लेवर्ड हुक्का सर्व करने के जुर्म में दोनों को गिरफ्तार किया गया. आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. दोनों को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद दोनों को जमानत पर छोड़ दिया गया. इसके अलावा बच्चों को वॉर्निंग देकर उनके घरवालों को सौंप दिया गया है.

पुलिस ने जैसे ही रेड मारी वहां मौजूद टीनएजर्स अपना मुंह छिपाते नजर आए. गुड़गांव के इस पब में गैर कानूनी तरीके से शराब और नशा परोसा जा रहा था. सिटी सेंटर में चल रहे इस पब में पुलिस रेड के दौरान 100 से ज्यादा टीनएजर्स रंगे हाथों पकड़े गए. पुलिस के मुताबिक सभी छात्र-छात्राओं की उम्र 15 से 20 साल के बीच है.

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सेक्स एंड स्मोक नाम से ऑर्गेनाइज की गई इस पार्टी में फ्लेवर्ड हुक्के का भी इस्तेमाल किया गया. गुड़गांव में फ्लेवर्ड हुक्के पर पाबंदी है, लेकिन पुलिस ये देखकर हैरान रह गई कि इस पब में हर नियम कायदे की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.

पुलिस के मुताबिक टीनएजर्स फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर विशेष ग्रुप बनाकर इस तरह की पार्टियों का आयोजन करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पार्टी को ऑर्गेनाइज करने वाले भी टीनएजर्स ही थे. 600 रुपये पर हेड के हिसाब से पैसा इकट्ठा कर पब बुक कराया गया था.

बच्चों को नशे में देखकर घरवालों का गुस्सा भी फूटा पड़ा. पुलिस ने बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की. इस पूरे मामले ने फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.

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