दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर स्याही फेंकने की वजह से चर्चा में आई भावना अरोड़ा को मंगलवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.
कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने कहा, 'भावना को पहले से कार्यक्रम के बारे में जानकारी थी. स्याही फेंकने के बाद आरोपी ने जो कागज और सीडी उछाले वह 2015 के हैं.' उन्होंने कहा कि यह विरोध करने का तरीका नहीं है कि स्याही फेंक दी जाए.
'पॉपुलर होने के लिए स्याही फेंकी'
वकील ने यह भी कहा, 'आज आप CM पर स्याही फेंक रहे हैं तो कल PM और राष्ट्रपति पर फेकेंगे. इनको ये जानकारी थी कि यहां स्याही फेंक दी तो भारत में पॉपुलर हो जाएंगी.'
'ये कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं है'
अभियोजन पक्ष के जवाब में भावना के वकील ने कहा कि घटना से पहले मंत्री से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन शिकायत नहीं सुनी गई. उन्होंने कहा कि कस्टडी तभी होनी चाहिए जब कोई पहले से मामला दर्ज हो. भावना पहले से सामाजिक कार्यकर्ता रही हैं और उसकी छवि अच्छी है. ये कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं है.
'वो खंभे पर चढ़कर तार काटें और हम स्याही भी ना फेंकें'
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'जब विक्टिम खुद खंभे पर चढ़ कर तार काटते हैं तो हम स्याही क्यों नहीं फेंक सकते? विक्टिम ने पब्लिक में आरोपी को माफी दे दी है. जबकि कोर्ट में न्यायिक हिरासत की मांग की जा रही है तो क्या ये डबल स्टैंडर नहीं है.'
बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान भावना अरोरा कोर्ट में मौजूद नहीं थीं. इसके पहले कोर्ट ने भावना को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.